हाल ही में वन विभाग में “प्रतिनिधि” पद की भर्ती को लेकर सोशल मीडिया और विभिन्न वेबसाइटों पर कई दावे किए गए। एक फर्जी भर्ती पत्र वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि केंद्र सरकार इस पद के लिए ₹31,385 वेतन पर भर्ती कर रही है। इसके लिए उम्मीदवारों से ₹550 पंजीकरण शुल्क मांगा जा रहा था। यह खबर तेजी से फैलने लगी, जिससे कई लोग इसे सच मानकर आवेदन करने लगे।
हालांकि, सरकार की आधिकारिक फैक्ट-चेकिंग एजेंसी PIB Fact Check और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEFCC) ने इस दावे को पूरी तरह से गलत बताया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई भर्ती निकाली ही नहीं गई है और जो भी इस तरह के फर्जी दावों पर विश्वास करेगा, वह ठगी का शिकार हो सकता है।
Amar Ujala की रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह की ठगी के मामलों में सरकार समय-समय पर अलर्ट जारी करती है, लेकिन ठग नए-नए तरीके अपनाकर भोले-भाले उम्मीदवारों को जाल में फंसाते हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि इस स्कैम के तहत लोगों से ₹550 की पंजीकरण राशि मांगी जा रही थी, लेकिन किसी को भी नौकरी नहीं दी गई। इसके अलावा, फर्जी नियुक्ति पत्रों में सरकारी विभागों के नाम और लोगो का दुरुपयोग किया गया, जिससे यह असली लगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसी किसी भी भर्ती को लेकर कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है, और यह पूरी तरह से एक धोखाधड़ी है।
यह लेख इस फर्जी भर्ती घोटाले की पूरी जानकारी देगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि यह स्कैम कैसे काम करता है, सरकार ने इसे लेकर क्या कदम उठाए हैं, और आम लोग इससे कैसे बच सकते हैं।
भर्ती घोटाले की सच्चाई
यह भर्ती घोटाला एक फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से फैलाया गया, जिसमें वन विभाग का नाम इस्तेमाल किया गया। पत्र में बताया गया कि “वन विभाग प्रतिनिधि” के पद पर भर्ती हो रही है और चयनित उम्मीदवारों को ₹31,385 प्रति माह वेतन मिलेगा। आवेदन करने के लिए ₹550 का पंजीकरण शुल्क मांगा गया, जिसे ऑनलाइन जमा करना था।
सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप और फर्जी वेबसाइटों के जरिए इस भर्ती का प्रचार किया गया। ठगों ने नकली सरकारी पोर्टल बनाकर इसे वास्तविक दिखाने की कोशिश की, जिससे लोग आसानी से इस जाल में फंस गए।
PIB फैक्ट चेक द्वारा खुलासा
सरकार की आधिकारिक फैक्ट-चेकिंग एजेंसी PIB Fact Check ने इस वायरल भर्ती पत्र को पूरी तरह फर्जी करार दिया। फैक्ट-चेक टीम ने बताया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEFCC) ने इस तरह की कोई भर्ती निकाली ही नहीं है।
“एक नियुक्ति पत्र में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा वन विभाग में प्रतिनिधियों की भर्ती की जा रही है। ₹31,385 वेतन मिलेगा, लेकिन भर्ती पूर्व ₹550 पंजीकरण शुल्क देना होगा। यह दावा फर्जी है।”
एक नियुक्ति पत्र में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा वन विभाग में प्रतिनिधि की भर्ती की जा रही है। वेतन ₹31,385 निर्धारित है। इच्छुक अभ्यर्थियों को भर्ती पूर्व ₹550 पंजीकरण शुल्क देना होगा। #PIBFactCheck
✅ यह दावा फर्जी है।
✅ @moefcc द्वारा ऐसा कोई नियुक्ति पत्र… pic.twitter.com/6IzUqm9HRe
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) February 14, 2025
मंत्रालय ने लोगों से अपील की कि वे इस तरह के फर्जीवाड़े से बचें और किसी भी भर्ती की जानकारी केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टल पर जाकर ही सत्यापित करें।
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल
इस घोटाले में ठगों ने सरकारी विभाग के लोगो और नियुक्ति पत्र की भाषा को हूबहू कॉपी किया, ताकि यह असली लगे। नकली भर्ती पत्र में “वन पुलिस” जैसी पदवी का जिक्र था, जबकि वन विभाग में ऐसा कोई पद मौजूद नहीं है। इसके अलावा, पत्र में कोई आधिकारिक सरकारी हस्ताक्षर या वैध सरकारी वेबसाइट का जिक्र नहीं था।
ऐसे फर्जी दस्तावेज लोगों को भ्रमित करने के लिए बनाए जाते हैं, ताकि वे सोचें कि यह एक असली भर्ती है और बिना जांच-पड़ताल किए पंजीकरण शुल्क भर दें। यही कारण है कि सरकार और फैक्ट-चेकिंग एजेंसियां बार-बार अपील कर रही हैं कि किसी भी सरकारी भर्ती की पुष्टि केवल आधिकारिक स्रोतों से की जाए।
ठगी के तरीके और उनकी पहचान
फर्जी भर्ती घोटाले का तरीका
इस तरह के स्कैम आमतौर पर एक खास पैटर्न पर काम करते हैं। ठग पहले एक फर्जी वेबसाइट या सोशल मीडिया पेज तैयार करते हैं, जो असली सरकारी पोर्टल की तरह दिखता है। फिर वे विभिन्न प्लेटफार्मों पर इस भर्ती की जानकारी फैलाते हैं, जिससे बेरोजगार युवा और सरकारी नौकरी की तलाश में रहने वाले लोग आकर्षित हो जाते हैं।
इस मामले में भी, ठगों ने वन विभाग में “प्रतिनिधि” पद पर भर्ती का झांसा दिया और ₹550 का पंजीकरण शुल्क मांगा। कई उम्मीदवारों को ईमेल और व्हाट्सएप के जरिए लिंक भेजे गए, जहां उनसे फर्जी वेबसाइट पर आवेदन करने को कहा गया। आवेदन के बाद, उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र देने का वादा किया गया था, लेकिन असल में यह केवल पैसे ऐंठने का तरीका था।
कुछ दिनों तक वेबसाइट को सक्रिय रखा गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस झांसे में आ जाएं। जब पर्याप्त संख्या में लोग पैसे जमा कर चुके थे, तो वेबसाइट को बंद कर दिया गया और ठग गायब हो गए। ऐसे मामलों में पीड़ितों को अक्सर तब एहसास होता है जब वे संपर्क करने की कोशिश करते हैं और कोई जवाब नहीं मिलता।
इस तरह की ठगी से बचने के संकेत
ऐसे फर्जीवाड़े की पहचान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है:
- फर्जी वेबसाइटें: असली सरकारी पोर्टल हमेशा ”.gov.in” या “.nic.in” डोमेन का इस्तेमाल करते हैं। यदि कोई वेबसाइट किसी अन्य डोमेन पर है, तो यह संदिग्ध हो सकती है।
- भर्ती के लिए पैसे मांगना: कोई भी सरकारी विभाग पंजीकरण शुल्क के रूप में ₹550 जैसे छोटे अमाउंट नहीं मांगता। अधिकतर सरकारी भर्तियां मुफ्त होती हैं या उनके शुल्क सरकारी पोर्टल पर स्पष्ट रूप से बताए जाते हैं।
- कोई आधिकारिक अधिसूचना नहीं: सरकार की कोई आधिकारिक अधिसूचना या नोटिफिकेशन नहीं आया, फिर भी भर्ती की खबर फैलाई जा रही थी।
- संदिग्ध भाषा और गलतियां: नकली दस्तावेजों में टाइपो, गलत विभागीय नाम, और असामान्य पदनाम (जैसे “वन पुलिस”) होते हैं, जो असली सरकारी दस्तावेजों में नहीं पाए जाते।
- जल्दी आवेदन करने का दबाव: ठग आमतौर पर कहते हैं कि “सीमित समय” में आवेदन करना जरूरी है। सरकारी भर्तियां हमेशा पहले से तय समयसीमा में खुलती और बंद होती हैं।
इस तरह के घोटालों से बचने के उपाय
सरकारी भर्तियों की सही जानकारी कहां मिलेगी?
किसी भी सरकारी भर्ती की जानकारी के लिए हमेशा आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों पर ही भरोसा करें। कुछ विश्वसनीय सरकारी पोर्टल जहां सही जानकारी मिलती है:
- ✔ SSC, UPSC और राज्य PSC की आधिकारिक वेबसाइटें – ये सभी सरकारी नौकरियों के लिए आधिकारिक भर्ती एजेंसियां हैं।
- ✔ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEFCC) की आधिकारिक वेबसाइट (www.moef.gov.in) – वन विभाग से जुड़ी सभी वास्तविक भर्तियों की जानकारी यहां मिलेगी।
- ✔ PIB Fact Check और सरकारी ट्विटर हैंडल्स – अगर कोई भी संदिग्ध भर्ती की जानकारी मिले, तो PIB Fact Check के ट्विटर अकाउंट पर उसे वेरिफाई करें।
अगर आप सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो हमेशा आधिकारिक वेबसाइटों पर ही जानकारी प्राप्त करें। हाल ही में, SCL असिस्टेंट भर्ती 2025 भी निकली है, जिसकी पूरी जानकारी आधिकारिक पोर्टल पर उपलब्ध है।
ठगी से बचने के लिए उठाए जाने वाले कदम
अगर आपको संदेह है कि कोई भर्ती फर्जी हो सकती है, तो इन उपायों को अपनाएं:
- PIB Fact Check से पुष्टि करें: PIB फैक्ट चेक टीम समय-समय पर इस तरह की फर्जी भर्तियों का खुलासा करती है।
- Cyber Crime पोर्टल पर शिकायत करें: अगर आप किसी ठगी का शिकार हो चुके हैं या ऐसी कोई जानकारी आपके पास है, तो www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
- फर्जी वेबसाइट्स और मैसेज को दूसरों के साथ साझा न करें: अगर कोई आपको इस तरह की नौकरी का लिंक भेजता है, तो बिना पुष्टि किए इसे आगे न बढ़ाएं।
- अपनी जानकारी सावधानी से साझा करें: सरकारी भर्ती के नाम पर अगर कोई आपसे व्यक्तिगत जानकारी, बैंक डिटेल्स, या आधार कार्ड जैसी संवेदनशील जानकारी मांगता है, तो सतर्क रहें।
निष्कर्ष
सरकारी भर्तियों के नाम पर ठगी कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में ऐसे मामलों की संख्या में तेजी आई है। वन विभाग में “प्रतिनिधि” पद की भर्ती के नाम पर किया गया यह घोटाला भी इसी का एक उदाहरण है। इस स्कैम में ठगों ने ₹550 का पंजीकरण शुल्क मांगकर बेरोजगार युवाओं और नौकरी की तलाश में लगे लोगों को धोखा देने की कोशिश की। PIB Fact Check और MOEFCC ने इसे पूरी तरह से फर्जी करार दिया है, जिससे साफ हो गया कि यह एक संगठित ठगी का प्रयास था।
Amar Ujala की रिपोर्ट और PIB Fact Check दोनों ने इस भर्ती को पूरी तरह गलत बताया है। रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे फर्जी वेबसाइट और नकली नियुक्ति पत्रों के माध्यम से लोगों को गुमराह किया गया। सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया कि ऐसी कोई भर्ती नहीं हो रही और यह केवल पैसे ऐंठने का एक तरीका है।
इस तरह के घोटालों से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी नौकरी की जानकारी को आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों पर ही चेक किया जाए। कोई भी सरकारी भर्ती केवल SSC, UPSC, राज्य PSC, और संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइटों पर ही प्रकाशित होती है। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप, या किसी भी अज्ञात वेबसाइट पर दिखने वाली भर्तियों पर बिना जांचे-परखे भरोसा नहीं करना चाहिए।
सरकारी नौकरियों के लिए हमेशा विश्वसनीय पोर्टल्स का ही सहारा लें। उदाहरण के लिए, MPESB शिक्षक भर्ती 2025 जैसी वैध नौकरियों की जानकारी आधिकारिक वेबसाइटों पर ही प्रकाशित की जाती है।
अगर कोई व्यक्ति या वेबसाइट आपको सरकारी भर्ती के नाम पर पैसे मांग रही है, तो यह निश्चित रूप से एक स्कैम है। ऐसे मामलों में तुरंत PIB Fact Check की मदद लें और साइबर क्राइम पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज करें।
Disclaimer:“यह लेख केवल सूचना उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी सरकारी भर्ती की जानकारी केवल आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों से ही प्राप्त करें। फर्जी भर्तियों से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध जानकारी को PIB Fact Check या साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट करें। लेख में दिए गए सभी तथ्य प्रमाणित स्रोतों पर आधारित हैं।”