LPG यानी लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस भारत में रसोई गैस के रूप में सबसे अधिक उपयोग होने वाला ईंधन है। घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए यह आवश्यक है, इसलिए इसकी कीमतों में कोई भी बदलाव आम जनता को प्रभावित करता है। 2025 में LPG गैस की दरों में बदलाव को लेकर उपभोक्ताओं के बीच चर्चा बढ़ रही है।
हर साल गैस की कीमतों में बदलाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, सरकारी नीतियों और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। भारत में LPG की कीमतें हर महीने संशोधित की जाती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को नियमित रूप से अपडेट रहना जरूरी हो जाता है। इस लेख में 2025 में LPG गैस की नई दरों, हाल ही में हुए बदलावों और मूल्य निर्धारण को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों पर चर्चा की जाएगी।
2025 में LPG गैस की नवीनतम दरें
वर्तमान में भारत के विभिन्न शहरों में LPG गैस की कीमतें अलग-अलग हैं। घरेलू और व्यावसायिक सिलेंडर की दरें हर महीने अपडेट होती हैं। 2025 के लिए प्रमुख शहरों में कीमतें इस प्रकार हैं:
शहर | घरेलू सिलेंडर (14.2 किग्रा) | व्यावसायिक सिलेंडर (19 किग्रा) |
---|---|---|
दिल्ली | ₹803 | ₹1,803 |
मुंबई | ₹802.50 | ₹1,755.50 |
कोलकाता | ₹829 | ₹1,875.50 |
चेन्नई | ₹818.50 | ₹1,937 |
Bhara Petroleum के अनुसार, 2025 की शुरुआत में घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन वाणिज्यिक सिलेंडर की दरों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
LPG गैस की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की दरों, मुद्रा विनिमय दर और सरकारी कर नीतियों के अनुसार तय की जाती हैं। उपभोक्ताओं को हर महीने की पहली तारीख को नई दरों की जांच करनी चाहिए, क्योंकि कंपनियां नियमित रूप से संशोधन करती हैं।
मूल्य निर्धारण में हालिया परिवर्तन
2025 में LPG गैस की कीमतों में कुछ बदलाव देखने को मिले हैं।
घरेलू सिलेंडर की कीमतों में अगस्त 2024 से अब तक कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किया गया है।
वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमतों में मार्च 2025 में ₹6 प्रति सिलेंडर की वृद्धि हुई है।
जनवरी और फरवरी 2025 में कीमतें स्थिर रही थीं, लेकिन मार्च में हल्का इजाफा देखा गया।
कीमतों में इस बदलाव के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि और लॉजिस्टिक्स लागत में बढ़ोतरी का सीधा असर LPG की दरों पर पड़ा है। सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी भी कीमत निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
LPG गैस की कीमतें आम तौर पर साल में कई बार संशोधित होती हैं। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी मिलने से सीधा असर नहीं दिखता, लेकिन जिन उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिलती, उनके लिए यह बढ़ोतरी चिंता का विषय हो सकती है।
LPG मूल्य निर्धारण को प्रभावित करने वाले कारक
LPG गैस की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें:
LPG उत्पादन के लिए कच्चे तेल की कीमतों का सीधा असर पड़ता है। यदि कच्चे तेल की दरें बढ़ती हैं, तो LPG की लागत भी बढ़ जाती है।सरकारी नीतियां और सब्सिडी:
भारत सरकार समय-समय पर घरेलू उपभोक्ताओं को LPG पर सब्सिडी देती है। यदि सरकार सब्सिडी में कटौती करती है, तो कीमतें बढ़ सकती हैं।मांग और आपूर्ति:
सर्दियों के महीनों में LPG की खपत अधिक होती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, यदि आपूर्ति प्रभावित होती है, तो दरों में उतार-चढ़ाव हो सकता है।डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर:
भारत LPG का एक बड़ा हिस्सा आयात करता है। यदि रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले गिरती है, तो आयात महंगा हो जाता है और कीमतों में वृद्धि हो सकती है।कर और ड्यूटी:
केंद्र और राज्य सरकारें LPG पर कर और शुल्क लगाती हैं, जो कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
LPG की कीमतों में होने वाले इन परिवर्तनों का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। इसलिए उपभोक्ताओं को नवीनतम अपडेट से अवगत रहना चाहिए और अपनी आवश्यकताओं के अनुसार योजना बनानी चाहिए।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव और प्रतिक्रिया

LPG गैस की कीमतों में बदलाव का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। बढ़ती कीमतें न केवल घरेलू बजट को प्रभावित करती हैं, बल्कि रेस्तरां, होटल और अन्य व्यवसायों की लागत भी बढ़ा देती हैं।
घरेलू उपभोक्ताओं पर असर
मध्यम वर्गीय और निम्न वर्गीय परिवारों के लिए मासिक खर्च बढ़ जाता है।
जिन उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिलती, उनके लिए सिलेंडर खरीदना महंगा साबित हो सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां LPG ही प्रमुख ईंधन स्रोत है, वहां अधिक कीमतों से लोगों की कठिनाइयाँ बढ़ सकती हैं।
व्यावसायिक क्षेत्र पर प्रभाव
होटल, ढाबे और रेस्तरां में लागत बढ़ने से खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
छोटे व्यवसायों को अधिक लागत के कारण अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ानी पड़ सकती हैं।
औद्योगिक इकाइयों को भी LPG की बढ़ती कीमतों का सामना करना पड़ता है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ सकती है।
उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाएँ
कई लोग अन्य वैकल्पिक ईंधन जैसे कि बायोगैस, इंडक्शन कुकटॉप और इलेक्ट्रिक ओवन का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं।
सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में उपभोक्ताओं ने कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर नाराजगी जताई है।
कुछ राज्यों में सरकार से LPG पर अतिरिक्त सब्सिडी देने की मांग की जा रही है।
सरकार की पहल और योजनाएं
सरकार समय-समय पर LPG गैस की कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए विभिन्न योजनाएँ लाती रही है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सरकार गरीब परिवारों को मुफ्त LPG कनेक्शन देती है।
2025 में सरकार इस योजना के तहत अधिक सब्सिडी देने पर विचार कर रही है ताकि गरीब परिवारों को राहत मिले।
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर कुछ अतिरिक्त सब्सिडी मिल सकती है।
कीमत स्थिर रखने के लिए सरकार के कदम
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को LPG की कीमतें स्थिर रखने के निर्देश देती है।
सब्सिडी वाले और गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमतों में अंतर को नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है।
कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को ₹300 प्रति सिलेंडर की सब्सिडी देने का निर्णय लिया था।
भविष्य की योजनाएँ और नीतिगत परिवर्तन
सरकार नए LPG टर्मिनल और स्टोरेज सुविधाओं का निर्माण कर रही है, जिससे सप्लाई में स्थिरता लाई जा सके।
वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों पर काम किया जा रहा है।
इंडक्शन कुकिंग और पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) जैसे विकल्पों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
निष्कर्ष
LPG गैस की कीमतों में बदलाव का सीधा प्रभाव घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर पड़ता है। 2025 में अब तक घरेलू सिलेंडर की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है, लेकिन वाणिज्यिक सिलेंडर की दरों में हल्की वृद्धि हुई है।
कीमतों में यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय बाजार, सरकार की नीतियों, सब्सिडी और अन्य आर्थिक कारकों पर निर्भर करता है। उपभोक्ताओं को हमेशा नवीनतम अपडेट पर नजर रखनी चाहिए और आवश्यकता अनुसार योजना बनानी चाहिए।
सरकार उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देने की कोशिश कर रही है। साथ ही, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि लोग LPG के अलावा अन्य विकल्पों की ओर रुख कर सकें।
क्या आपको लगता है कि सरकार को LPG सब्सिडी बढ़ानी चाहिए, या फिर हमें वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर ध्यान देना चाहिए? अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें।