February 23, 2025

₹17 लाख का PMEGP लोन घोटाला! सरकार ने किया बड़ा खुलासा 🚨

भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर में नए उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा संचालित किया जाता है।

हाल ही में फर्जी लोन स्वीकृति पत्रों के माध्यम से कई लोगों को ठगने की घटनाएं सामने आई हैं। इन पत्रों में दावा किया जा रहा था कि PMEGP के तहत ₹17 लाख का लोन मंजूर किया गया है, लेकिन लोन प्राप्त करने के लिए पहले ₹51,000 का भुगतान करना होगा। इस धोखाधड़ी के खुलासे के बाद, PIB Fact Check और MSME मंत्रालय ने इसे पूरी तरह से फर्जी करार दिया और जनता को सतर्क रहने की सलाह दी

इस लेख में हम PMEGP योजना की वास्तविक प्रक्रिया, फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, सरकार की कार्रवाई और जनता को ठगी से बचाने के लिए दिए गए सुझावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

PMEGP योजना की वास्तविक प्रक्रिया

PMEGP योजना क्या है?

PMEGP एक केंद्र सरकार की योजना है, जो देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके तहत, नए उद्यमियों को बैंकों से लोन मिलता है, जिसमें 15% से 35% तक की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाती है

लाभार्थियों को PMEGP लोन कैसे मिलता है?

PMEGP योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन केवल MSME मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर किया जा सकता है।

  • पूरा आवेदन और लोन स्वीकृति प्रक्रिया ऑनलाइन होती है।
  • इसके लिए कोई भी निजी एजेंसी, एजेंट या दलाल अधिकृत नहीं होता।
  • PMEGP के तहत लोन पूरी तरह निशुल्क होता है और इसके लिए कोई अग्रिम शुल्क नहीं लिया जाता।

PIB (प्रेस सूचना ब्यूरो) की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कुछ निजी एजेंसियां फर्जी लोन स्वीकृति पत्र जारी कर रही हैं और लोगों से अग्रिम शुल्क वसूल रही हैं, जो पूरी तरह से अवैध और धोखाधड़ी है।

फर्जीवाड़े का पर्दाफाश: MSME मंत्रालय की चेतावनी

PIB Fact Check द्वारा किया गया खुलासा

हाल ही में PIB Fact Check ने एक ट्वीट जारी कर जनता को सतर्क किया कि PMEGP योजना के तहत ₹17 लाख के लोन की स्वीकृति का दावा करने वाला पत्र पूरी तरह से फर्जी है

यह पहला मौका नहीं है जब PMEGP योजना के नाम पर ठगी की गई है। पहले भी कई लोग ऐसे जालसाजों के शिकार हो चुके हैं, जो फर्जी स्वीकृति पत्रों के माध्यम से पैसे ऐंठते हैं। पिछले साल भी एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसमें कई निर्दोष उद्यमियों को गुमराह किया गया था। PMEGP लोन स्कैम का एक और मामला पढ़ें और जानें कि लोग कैसे ठगे गए थे।

फर्जी पत्र में क्या लिखा था?

  • पत्र में दावा किया गया कि लाभार्थी को ₹17 लाख का लोन मंजूर हुआ है
  • लेकिन इस लोन को प्राप्त करने के लिए ₹51,000 का अग्रिम भुगतान करने की मांग की गई थी
  • पत्र पर KVIC और MSME मंत्रालय के फर्जी हस्ताक्षर एवं मोहर लगी हुई थी
  • इस पत्र को आधिकारिक दस्तावेज जैसा दिखाने की कोशिश की गई थी

MSME मंत्रालय ने क्या कहा?

  • MSME मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि PMEGP योजना के तहत कोई भी निजी एजेंसी या व्यक्ति अधिकृत नहीं है
  • कोई भी सरकारी लोन लेने के लिए पहले से कोई भुगतान नहीं करना होता
  • अगर कोई आपसे अग्रिम राशि मांगता है, तो यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है

MSME मंत्रालय ने यह भी बताया कि ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए पुलिस और साइबर अपराध प्रकोष्ठ (Cyber Cell) को जांच के आदेश दिए गए हैं

जनता को कैसे सतर्क रहना चाहिए?

  • PMEGP योजना का लाभ उठाने के लिए केवल MSME मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर ही आवेदन करें
  • MSME मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्राइवेट एजेंसी को PMEGP लोन देने की अनुमति नहीं है
  • सरकार कभी भी लोन से पहले किसी भी प्रकार का भुगतान करने के लिए नहीं कहती
  • फर्जी पत्रों को पहचानें
    • सरकारी पत्रों की सत्यता जांचने के लिए MSME मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं।
    • यदि पत्र में कोई अग्रिम शुल्क मांगा गया है, तो यह फर्जी हो सकता है।
    • किसी भी शंका की स्थिति में PIB Fact Check और MSME मंत्रालय से संपर्क करें।
  • अगर आपको PMEGP योजना के नाम पर ठगने की कोशिश की गई है, तो आप नीचे दिए गए प्लेटफॉर्म पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं:
    • साइबर अपराध पोर्टल: cybercrime.gov.in
    • MSME हेल्पलाइन: msme.gov.in
    • नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करें।

सिर्फ लोन फ्रॉड ही नहीं, बल्कि आजकल साइबर अपराधी बैंकिंग धोखाधड़ी के नए तरीके भी अपना रहे हैं। हाल ही में SBI ग्राहकों को ‘रिवॉर्ड पॉइंट्स’ के नाम पर ठगा गया, जिसमें लोगों को लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा गया और उनके बैंक खातों से पैसे गायब हो गए। इस तरह के ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप कभी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और बैंकिंग संबंधित सतर्कता बरतें। ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के नए तरीके जानने के लिए यहां क्लिक करें।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • MSME मंत्रालय ने PIB के माध्यम से जनता को सतर्क किया
  • पुलिस और साइबर सेल को इस मामले की जांच के आदेश दिए गए
  • फर्जी लोन देने वाले निजी एजेंसियों पर कार्रवाई शुरू की गई
  • सरकार डिजिटल जागरूकता अभियान चला रही है ताकि जनता को इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचाया जा सके

MSME मंत्रालय ने यह भी बताया कि PMEGP योजना को लेकर अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई डिजिटल सुरक्षा प्रक्रियाएं लागू की जाएंगी

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) एक बेहतरीन सरकारी योजना है, जो स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। लेकिन हाल ही में कुछ धोखेबाजों ने इस योजना का दुरुपयोग करके लोगों को ठगने की कोशिश की

🔴 महत्वपूर्ण बिंदु:

  • PMEGP लोन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और निशुल्क है।
  • कोई भी निजी एजेंसी या दलाल इस योजना से अधिकृत नहीं है।
  • MSME मंत्रालय द्वारा जारी किसी भी घोषणा को PIB Fact Check पर सत्यापित करें।
  • अगर कोई आपसे अग्रिम भुगतान मांगता है, तो तुरंत इसकी शिकायत करें।

जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी केवल आधिकारिक स्रोतों से ही लेनी चाहिए और किसी भी निजी संस्था के झांसे में नहीं आना चाहिए

Disclaimer:“यह लेख केवल सूचना उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले MSME मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी सत्यापित करें। यदि किसी को PMEGP लोन के नाम पर ठगने की कोशिश की जाती है, तो तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।”

Naina Balan

Naina Balan is a dedicated writer at Sevakendra, bringing 2 years of experience in covering government jobs, education updates, and official announcements. Her content focuses on analyzing new government schemes, breaking down their benefits and drawbacks, and explaining their real-world impact on the public.Naina’s strength lies in her meticulous approach to fact-checking, ensuring every detail in her articles is accurate and credible. Whether it’s presenting the statistics behind a scheme or explaining how it affects different sections of society, she strives to deliver content that is both informative and practical for readers. Writing in Hindi and Hinglish, Naina connects with a diverse audience, making complex topics easy to understand. Her passion for uncovering the truth and her commitment to quality research ensure that Sevakendra remains a trusted source for accurate, impactful news.

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