February 21, 2025

7.25 लाख भारतीय अमेरिका में अवैध! मोदी सरकार का सख्त फैसला – जानें अब क्या होगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान अवैध प्रवासियों और मानव तस्करी को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “जो भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, भारत उन्हें वापस लेने के लिए पूरी तरह तैयार है।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ अवैध प्रवास का मुद्दा नहीं है, बल्कि एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का हिस्सा है, जिसे खत्म करना आवश्यक है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि मानव तस्करी एक वैश्विक समस्या बन चुकी है, और इस पर रोक लगाने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने अमेरिका से अपील की कि दोनों देशों को इस पूरे सिस्टम को खत्म करने के लिए संयुक्त रणनीति अपनानी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि “हमें इस पूरे इकोसिस्टम को जड़ से समाप्त करना होगा ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति गुमराह न हो और मानव तस्करी हमेशा के लिए खत्म हो जाए।” इस बयान के बाद भारत और अमेरिका के बीच अवैध प्रवासियों और मानव तस्करी से निपटने के लिए एक नई नीति पर चर्चा होने की संभावना है।

अवैध प्रवास और मानव तस्करी की समस्या

अमेरिका में भारतीय अवैध प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई लोग बेहतर जीवन की उम्मीद में अमेरिका जाने का सपना देखते हैं, लेकिन वहां पहुंचने के बाद कानूनी अड़चनों और आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़ता है।

📌 टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “अवैध प्रवासन केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह एक संगठित आपराधिक गतिविधि का हिस्सा है, जिसे हमें मिलकर खत्म करना होगा। कई मासूम लोग, विशेष रूप से गरीब परिवारों के सदस्य, तस्करों के झांसे में आ जाते हैं और अवैध तरीकों से अमेरिका पहुंचने की कोशिश करते हैं। यह न केवल उनके जीवन को खतरे में डालता है, बल्कि दोनों देशों की सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता के लिए भी चुनौती है।”

अमेरिका में भारतीय अवैध प्रवासी

  • पीयू रिसर्च सेंटर के अनुसार, अमेरिका में 7,25,000 भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं।
  • इनमें से कई लोग फर्जी दस्तावेजों, टूरिस्ट वीजा या एजेंटों के जरिए अमेरिका जाते हैं।
  • कुछ प्रवासी गैरकानूनी तरीकों से सीमा पार कर अमेरिका पहुंचते हैं।

मानव तस्करी के खिलाफ भारत और अमेरिका का साझा प्रयास

प्रधानमंत्री मोदी ने मानव तस्करी को सबसे बड़ी समस्या बताया, जिसमें संगठित गिरोह गरीब और बेरोजगार लोगों को झूठे वादों और लालच में फंसाकर विदेश भेज देते हैं। उन्होंने अमेरिका से अनुरोध किया कि इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए दोनों देशों को मिलकर कड़े कदम उठाने होंगे।

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “मानव तस्करी से निपटने के लिए भारत हर संभव कदम उठाएगा, लेकिन जब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस समस्या का समाधान नहीं निकलेगा, यह सिलसिला जारी रहेगा।”

अमेरिका से भारत लौटाए गए भारतीय प्रवासी

हाल ही में अमेरिका ने 104 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया, जिनमें से कई को कठोर परिस्थितियों में वापस भेजा गया। इन प्रवासियों को एक विशेष सैन्य विमान से भारत लाया गया, और कई मामलों में यह रिपोर्ट किया गया कि उन्हें हाथ-पैरों में जंजीरों से बांधकर भेजा गया था, जिससे मानवाधिकार से जुड़े कई सवाल खड़े हुए।

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, इस निर्वासन को लेकर भारतीय सरकार ने अमेरिका के सामने अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत में लौटने वाले निर्वासित प्रवासियों की राज्यवार स्थिति

राज्य

संख्या (निर्वासित नागरिक)

पंजाब

30

हरियाणा

33

गुजरात

33

महाराष्ट्र

3

उत्तर प्रदेश

3

चंडीगढ़

2

प्रधानमंत्री मोदी ने इस विषय पर कहा कि “भारत अपने नागरिकों के लिए हमेशा खड़ा रहेगा, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में कोई भी भारतीय अवैध रूप से किसी अन्य देश में रहने को मजबूर न हो।”

निर्वासित नागरिकों की स्थिति

  • अधिकांश भारतीय प्रवासी गरीबी और बेरोजगारी के कारण अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे थे।
  • कई लोगों को एजेंटों और मानव तस्करों द्वारा झूठे वादे करके वहां भेजा गया।
  • कुछ प्रवासियों को अमेरिकी बॉर्डर गार्ड्स द्वारा गिरफ्तार किया गया और हिरासत में रखा गया।

Hindustan Times की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने इस पूरे मुद्दे को भारत और अमेरिका के बीच एक कूटनीतिक वार्ता का विषय बताया और कहा कि दोनों देश मिलकर इस समस्या का समाधान निकालेंगे।

अमेरिकी नीति और ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। ट्रंप सरकार ने बार-बार कहा है कि जो लोग अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें तत्काल देश छोड़ना होगा या निर्वासित कर दिया जाएगा।

📌 Livemint की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने इस विषय पर कहा कि “अवैध प्रवासन सिर्फ अमेरिका और भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। हमें इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि निर्दोष लोग धोखेबाज एजेंटों और तस्करों का शिकार न बनें।”

ट्रंप प्रशासन का बयान

  • अवैध प्रवासियों के लिए कड़े नियम लागू किए गए।
  • ग्रीन कार्ड और नागरिकता प्रक्रिया को और सख्त किया गया।
  • अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे लोगों को पकड़ने के लिए “Zero Tolerance Policy” लागू की गई।

भारत-अमेरिका कूटनीतिक समझौते में प्रवास नीति शामिल

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई बैठक में यह तय किया गया कि भारत अपने अवैध प्रवासियों को वापस लेगा, लेकिन साथ ही अमेरिका भी प्रवास नीति को अधिक मानवाधिकार-संगत बनाएगा।

Trump का भारत के प्रति समर्थन

  • ट्रंप प्रशासन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों की सराहना की।
  • अमेरिका ने भारत को व्यापार और रक्षा क्षेत्र में सहयोग देने का आश्वासन दिया।
  • भारत को नवीनतम टेक्नोलॉजी और सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति जारी रहेगी।

Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि “भारत और अमेरिका को एकजुट होकर मानव तस्करी और अवैध प्रवास के पूरे नेटवर्क को समाप्त करने के लिए प्रयास करने होंगे।”

भारत में अवैध प्रवासियों को लेकर सरकार का रुख

भारत सरकार अवैध प्रवास और मानव तस्करी को लेकर बेहद गंभीर है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनका उद्देश्य अवैध प्रवास को नियंत्रित करना और अपने नागरिकों को सुरक्षित रूप से वापस लाना है

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भारतीय अमेरिका या किसी अन्य देश में अवैध रूप से रह रहे हैं, वे भारत वापस आ सकते हैं, और सरकार उनकी पुनर्वास प्रक्रिया में मदद करेगी।

भारत सरकार की नीतियां और उठाए गए कदम

  • विदेश मंत्रालय ने प्रवासियों को सुरक्षित लौटाने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई।
  • अवैध प्रवास को रोकने के लिए पासपोर्ट और वीजा नियमों को सख्त किया गया।
  • मानव तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए इंटरपोल और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर कार्रवाई की जा रही है।
  • निर्वासित नागरिकों को पुनर्वास और रोजगार के अवसर देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संदर्भ में कहा कि “भारत उन सभी नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है, जो मजबूरी में विदेशों में अवैध रूप से रह रहे हैं, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति मानव तस्करी के झांसे में न आए।”

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी के बयान से स्पष्ट हो गया है कि भारत और अमेरिका दोनों ही अवैध प्रवास को लेकर सख्त रुख अपनाने के लिए तैयार हैं। भारत सरकार अवैध रूप से विदेशों में रह रहे भारतीयों को वापस लाने और उनके पुनर्वास के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है।

जो भारतीय विदेश में नौकरी करने की सोच रहे हैं, उनके लिए नए विदेशी रोजगार कानून के तहत अधिक सुरक्षा और सुविधाएं दी जाएंगी। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें – New Law for Safe Employment Abroad

आगे की रणनीति

  • भारत और अमेरिका के बीच इस विषय पर और अधिक सहयोग बढ़ेगा।
  • मानव तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए कानून बनाए जाएंगे।
  • प्रवासियों के लिए वैध और सुरक्षित विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां लाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश न केवल भारत और अमेरिका के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मजबूत संकेत है कि मानव तस्करी और अवैध प्रवास पर कड़ा प्रहार करने का समय आ गया है।

Naina Balan

Naina Balan is a dedicated writer at Sevakendra, bringing 2 years of experience in covering government jobs, education updates, and official announcements. Her content focuses on analyzing new government schemes, breaking down their benefits and drawbacks, and explaining their real-world impact on the public.Naina’s strength lies in her meticulous approach to fact-checking, ensuring every detail in her articles is accurate and credible. Whether it’s presenting the statistics behind a scheme or explaining how it affects different sections of society, she strives to deliver content that is both informative and practical for readers. Writing in Hindi and Hinglish, Naina connects with a diverse audience, making complex topics easy to understand. Her passion for uncovering the truth and her commitment to quality research ensure that Sevakendra remains a trusted source for accurate, impactful news.

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