भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर में तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं (Tertiary Healthcare Services) को मजबूत करना और मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना है।
भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं की असमानता को देखते हुए सरकार ने इस योजना को 2003 में शुरू किया था। इस योजना के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है। खासतौर पर उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जहां तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी थी।
योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को आवश्यक संसाधनों से लैस करना है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाई जा सके। PMSSY के तहत नए एम्स (AIIMS) स्थापित किए गए हैं और मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया गया है, ताकि लोगों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उनके नजदीक ही उपलब्ध हो सकें।
यह योजना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर रही है, बल्कि नए डॉक्टरों और विशेषज्ञों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ा रही है। देश के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Yojana योजना का विकास और चरण
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को विभिन्न चरणों में लागू किया गया है, ताकि देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को व्यवस्थित रूप से सुधारा जा सके।
- पहला चरण (2003-2007): इस चरण में योजना की नींव रखी गई और एम्स जैसे उन्नत चिकित्सा संस्थानों की स्थापना की योजना बनी।
- दूसरा चरण (2007-2013): इसमें छह नए एम्स स्थापित किए गए और 13 मेडिकल कॉलेजों को उन्नत किया गया।
- तीसरा चरण (2013-2017): इस दौरान नए एम्स के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई और अधिक मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया गया।
- चौथा चरण (2017-2020): इस चरण में 22 नए एम्स की घोषणा हुई और मौजूदा संस्थानों में बुनियादी ढांचे को और मजबूत किया गया।
- पाँचवाँ चरण (2020 के बाद): इस चरण में स्वास्थ्य सुविधाओं को डिजिटल रूप से उन्नत करने, टेलीमेडिसिन सेवाएं बढ़ाने और अनुसंधान को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
योजना के विभिन्न चरणों के तहत अब तक कई नए एम्स खोले गए हैं और कई मेडिकल कॉलेजों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। PIB के अनुसार, अब तक योजना के तहत 22 नए एम्स की स्थापना की जा चुकी है और कई अन्य निर्माणाधीन हैं। इस योजना का प्रभाव ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में विशेष रूप से देखा जा सकता है, जहाँ पहले स्वास्थ्य सुविधाएँ सीमित थीं।
Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Yojana योजना के प्रमुख घटक क्या है?
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत मुख्य रूप से तीन प्रमुख घटकों पर काम किया जा रहा है:
1. नए एम्स की स्थापना:
PMSSY के तहत देशभर में नए एम्स की स्थापना की गई है, जिससे उन्नत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इन संस्थानों में उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाएं, मेडिकल रिसर्च और विशेषज्ञ डॉक्टरों की ट्रेनिंग की सुविधा प्रदान की जाती है।
2. मौजूदा मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन:
देश के कई पुराने मेडिकल कॉलेजों में संसाधनों की कमी थी, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता था। इस योजना के तहत इन कॉलेजों को आधुनिक उपकरणों और बेहतर बुनियादी ढांचे से लैस किया जा रहा है। इससे चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधर रही है।
3. सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक्स का निर्माण:
PMSSY के तहत कई मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनाए गए हैं। ये ब्लॉक विशेष रूप से गंभीर बीमारियों जैसे हृदय रोग, न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी और ट्रांसप्लांट सेवाओं के लिए बनाए गए हैं। इससे मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मिल रहा है और उन्हें बड़े शहरों तक जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
योजना के ये तीनों घटक देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह योजना मेडिकल सुविधाओं को क्षेत्रीय संतुलन प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Yojana की अब तक की प्रगति

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की शुरुआत के बाद से अब तक इसमें कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दर्ज की गई हैं। योजना के तहत विभिन्न चरणों में देशभर में नए एम्स की स्थापना की गई है और कई मौजूदा मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया गया है।
PIB के अनुसार, अब तक 22 नए एम्स स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें से कई पूरी तरह कार्यरत हैं और कुछ निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, 75 से अधिक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक्स बनाए गए हैं, जिससे उन्नत चिकित्सा सुविधाएँ अब छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच रही हैं।
इस योजना के तहत कई प्रमुख उपलब्धियाँ देखी गई हैं:
चिकित्सा शिक्षा का विस्तार: नए एम्स और अपग्रेडेड मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और पोस्ट-ग्रेजुएट सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ: अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त अस्पतालों की संख्या बढ़ी है, जिससे जटिल बीमारियों का इलाज आसानी से उपलब्ध हो पा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा: पहले जिन इलाकों में बेहतर इलाज के लिए बड़े शहरों तक जाना पड़ता था, अब वहाँ नजदीक ही उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ मिल रही हैं।
योजना के तहत कई महत्वपूर्ण शहरों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया गया है, जिससे लाखों लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है। हालाँकि, अभी भी कई संस्थान पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं, जिनके संचालन में सुधार की आवश्यकता है।
योजना के स्वास्थ्य क्षेत्र पर क्या प्रभाव रहे?
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। इस योजना ने न केवल चिकित्सा सेवाओं को मजबूत किया है बल्कि चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में भी बड़े बदलाव लाए हैं।
1. चिकित्सा शिक्षा में सुधार: PMSSY के तहत नए एम्स और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से डॉक्टरों और विशेषज्ञों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। एमबीबीएस और पीजी कोर्स के लिए नई सीटें जोड़ी गई हैं, जिससे चिकित्सा शिक्षा का स्तर ऊँचा हुआ है।
2. तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता: इस योजना के अंतर्गत स्थापित मेडिकल संस्थानों में उन्नत इलाज की सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। गंभीर बीमारियों, जैसे कैंसर, हृदय रोग और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के इलाज के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस अस्पताल उपलब्ध कराए गए हैं।
3. ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: PMSSY का मुख्य उद्देश्य यह था कि केवल महानगरों में ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएँ। कई पिछड़े इलाकों में नए अस्पताल और मेडिकल सुविधाएँ शुरू की गई हैं, जिससे वहाँ के लोगों को अब बड़े शहरों तक जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
4. अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा: योजना के तहत स्थापित किए गए नए मेडिकल संस्थानों में चिकित्सा अनुसंधान को भी बढ़ावा दिया गया है। इससे विभिन्न बीमारियों के उपचार के नए तरीकों और दवाओं के विकास में सहायता मिल रही है।
5. आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: कोरोना महामारी के दौरान भी PMSSY के तहत स्थापित संस्थानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नए एम्स और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए विशेष सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं, जिससे संकट के समय स्वास्थ्य सेवाओं का दबाव कम करने में मदद मिली।
यह योजना भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई है। हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं, जिन पर सरकार लगातार काम कर रही है।
सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदम
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत सरकार ने केवल नए अस्पताल और मेडिकल कॉलेज खोलने तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य देश के हर नागरिक को किफायती और उन्नत चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराना है।
1. आयुष्मान भारत योजना का विस्तार
PMSSY के साथ ही सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की, जो देश के गरीब और वंचित परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। इस योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज मिला है और लाखों लोग मुफ्त इलाज का लाभ उठा चुके हैं।
2. मेडिकल शिक्षा में सुधार
सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की स्थापना की, जिससे मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इसके तहत मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाई गई हैं और नए नियम लागू किए गए हैं, जिससे चिकित्सा शिक्षा अधिक प्रभावी बन सके।
3. टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ मिशन
भारत सरकार ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) की शुरुआत की, जिससे मरीजों की स्वास्थ्य जानकारी को डिजिटल रूप में स्टोर किया जा सके। टेलीमेडिसिन सेवाओं को भी बढ़ावा दिया गया, जिससे लोग घर बैठे डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं।
4. कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना
महामारी के दौरान सरकार ने कई एम्स और सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को कोविड केंद्र में बदल दिया, जिससे मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधाएँ मिल सकीं। इसके अलावा, ऑक्सीजन प्लांट्स, वेंटिलेटर्स और वैक्सीनेशन प्रोग्राम को भी प्राथमिकता दी गई।
5. ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) को अपग्रेड करने के लिए कई योजनाएँ लागू कीं। अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी 24×7 आपातकालीन सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे वहाँ के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके।
6. हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा
सरकार ‘इंडिया कोविड-19 इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज’ जैसी योजनाओं के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश कर रही है, जिससे भविष्य में किसी भी महामारी या आपात स्थिति से निपटा जा सके।
सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को और अधिक प्रभावी बना रहे हैं और आने वाले समय में भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को और मजबूत करेंगे।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) ने भारत के चिकित्सा ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। नए एम्स और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल रही हैं। साथ ही, आयुष्मान भारत और डिजिटल हेल्थ मिशन जैसी योजनाओं के साथ मिलकर यह पहल और प्रभावी हो गई है।
हालाँकि, डॉक्टरों की कमी और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव जैसी चुनौतियाँ अभी बनी हुई हैं। सरकार को मेडिकल स्टाफ की भर्ती और डिजिटल हेल्थ सुविधाओं पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
PMSSY ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाया है, लेकिन इसे और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं। आपकी राय में इस योजना का सबसे बड़ा फायदा क्या है? हमें कमेंट में बताएं!
Disclaimer: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और इसकी जानकारी PIB (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो) की आधिकारिक रिपोर्ट पर आधारित है। योजनाओं में बदलाव संभव हैं, इसलिए अद्यतन जानकारी के लिए सरकारी Website या संबंधित विभाग से संपर्क करें। किसी भी लाभ या पात्रता की पुष्टि के लिए आधिकारिक स्रोतों की जाँच करें।