भारत में फिटनेस और हेल्थ अवेयरनेस बढ़ने के साथ ही प्रोटीन सप्लीमेंट्स का उपयोग भी तेज़ी से बढ़ रहा है। लोग अपने डाइट में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल कर रहे हैं। खासकर वे लोग जो जिम जाते हैं या मांसाहार नहीं खाते, उनके लिए प्रोटीन सप्लीमेंट्स एक आसान विकल्प बन गए हैं।
लेकिन हाल ही में आई कई रिपोर्ट्स ने यह खुलासा किया है कि भारतीय बाजार में बिकने वाले कई प्रोटीन सप्लीमेंट्स में भारी मात्रा में मिलावट पाई गई है। ThePrint की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बिकने वाले 36 लोकप्रिय प्रोटीन सप्लीमेंट्स में से 70% में दी गई प्रोटीन जानकारी गलत थी। इनमें से कुछ सप्लीमेंट्स में प्रोटीन की मात्रा 50% तक कम पाई गई, जबकि 14% प्रोडक्ट्स में फंगल टॉक्सिन (Aflatoxin) और 8% में कीटनाशकों (Pesticides) के अंश मौजूद थे ।
“70 प्रतिशत भारतीय प्रोटीन सप्लीमेंट्स की जानकारी गलत थी, कुछ में सिर्फ आधी मात्रा में ही प्रोटीन मिला। इसके अलावा, 14% प्रोडक्ट्स में फंगल टॉक्सिन और 8% में कीटनाशकों के अवशेष पाए गए।”
“According to Theprint: The analysis showed that nearly 70 percent of the 36 supplements had inaccurate protein information, with some brands offering only half of what they claimed. Also, around 14 percent of samples contained harmful fungal aflatoxins, while 8 percent showed traces of pesticide residue.”
प्रोटीन सप्लीमेंट्स: लाभ और जोखिम
प्रोटीन सप्लीमेंट्स के लाभ
प्रोटीन सप्लीमेंट्स का मुख्य उद्देश्य शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करना है। ये खासतौर पर एथलीट्स, बॉडीबिल्डर्स, और उन लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं जो हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करते हैं। इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
- मांसपेशियों की वृद्धि (Muscle Growth) – एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन मसल्स रिकवरी में मदद करता है।
- वजन प्रबंधन (Weight Management) – प्रोटीन अधिक समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है जिससे वजन नियंत्रित रहता है।
- पोषण की भरपाई (Nutritional Balance) – खासकर वेजिटेरियन लोगों के लिए यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत बन सकता है।
प्रोटीन सप्लीमेंट्स के जोखिम
हालांकि, भारतीय बाजार में बिकने वाले कई प्रोटीन सप्लीमेंट्स की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। Livemint की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पाया गया कि भारत में बिकने वाले 70% से अधिक प्रोटीन सप्लीमेंट्स की जानकारी गलत थी। इनमें से कई प्रोडक्ट्स में प्रोटीन की वास्तविक मात्रा विज्ञापित मात्रा से आधी थी, और कुछ में भारी धातुएं (Lead, Arsenic) और कीटनाशकों के अंश भी मौजूद थे ।
“हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में बिकने वाले 36 प्रोटीन सप्लीमेंट्स में से 70% की जानकारी गलत थी। इन ब्रांड्स में प्रोटीन की मात्रा विज्ञापित से आधी थी। 14% में फंगल टॉक्सिन और 8% में कीटनाशकों के अंश पाए गए।”
“However, a new study published in the journal Medicine, found that a whopping 70% of the 36 protein supplements tested in India had inaccurate protein information. Not only did the brands contain only half the protein they advertised, 14 percent of the samples even consisted of fungal aflatoxins with 8% showing traces of pesticide residue. In this scenario, Lounge spoke to a few nutritionists to get answers to some of the most common questions about protein powders. source: Livemint”
भारतीय बाजार में प्रोटीन सप्लीमेंट्स की वास्तविकता
भारत में फिटनेस और हेल्थ सप्लीमेंट्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन हालिया अध्ययनों में सामने आया है कि इस इंडस्ट्री में भारी मात्रा में मिलावट और गलत जानकारी दी जा रही है। Medicine जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 36 लोकप्रिय प्रोटीन सप्लीमेंट्स का विश्लेषण किया गया, जिसमें 70% उत्पादों में गलत प्रोटीन जानकारी पाई गई। इनमें से कुछ ब्रांडों में विज्ञापित मात्रा से 50% तक कम प्रोटीन पाया गया।
इसके अलावा, 8% सैंपल्स में कीटनाशकों के अवशेष और 14% में फंगल टॉक्सिन (Aflatoxins) की मौजूदगी पाई गई, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं ।
“एक नए अध्ययन में पाया गया कि भारत में बिकने वाले 70% प्रोटीन सप्लीमेंट्स में दी गई जानकारी गलत थी। कई ब्रांड्स में विज्ञापित से 50% तक कम प्रोटीन था, जबकि 14% उत्पादों में फंगल टॉक्सिन और 8% में कीटनाशकों के अवशेष पाए गए।”
“According to Medicine journals, A new study published in the journal Medicine found that 70% of the 36 protein supplements tested in India had inaccurate protein information. Not only did the brands contain only half the protein they advertised, 14 percent of the samples even consisted of fungal aflatoxins with 8% showing traces of pesticide residue.”
मिलावट और स्वास्थ्य पर प्रभाव
भारतीय प्रोटीन सप्लीमेंट्स में मिलावट और घटिया गुणवत्ता के कारण यह उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। PMC रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार में बिकने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट्स में भारी धातुएं (Lead, Arsenic, Cadmium) पाई गईं, जो लिवर और किडनी पर बुरा असर डाल सकती हैं ।
साथ ही, रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कुछ प्रोटीन सप्लीमेंट्स में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण था, जिनमें ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट, हल्दी, अश्वगंधा और गार्सिनिया कैंबोगिया शामिल थे। इन जड़ी-बूटियों के अधिक सेवन से लिवर टॉक्सिसिटी हो सकती है ।
“हमारे अध्ययन में पाया गया कि भारतीय प्रोटीन सप्लीमेंट्स में भारी धातुएं, कीटनाशकों के अवशेष और जड़ी-बूटियों का मिश्रण मौजूद था। इनसे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम हो सकते हैं, जिनमें लिवर डैमेज और किडनी से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं।”
“Our study found that Indian protein supplements contained heavy metals, pesticide residues, and a mixture of herbal ingredients. These pose serious health risks, including liver damage and kidney-related issues.Source: PMC Report”
गुणवत्ता नियंत्रण और नियामक समस्याएं
भारतीय बाजार में बिकने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट्स की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) इस तरह के उत्पादों की जांच और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार है, लेकिन कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि इन सप्लीमेंट्स की सही जांच नहीं हो रही है।
PMC रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ब्रांड्स की तुलना में अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स की गुणवत्ता बेहतर पाई गई। रिपोर्ट में बताया गया कि 69.4% भारतीय ब्रांड्स ने अपने प्रोटीन कंटेंट को गलत तरीके से लेबल किया। इसके अलावा, 75% उत्पादों में सीसा (Lead) और 13.9% में आर्सेनिक (Arsenic) की मौजूदगी पाई गई ।
PMC रिपोर्ट के अनुसार:
“अध्ययन में पाया गया कि भारतीय प्रोटीन सप्लीमेंट्स की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है। 69.4% ब्रांड्स में गलत लेबलिंग पाई गई, जबकि 75% उत्पादों में सीसा और 13.9% में आर्सेनिक मौजूद था।”
“The study found that Indian protein supplements did not meet international quality standards. 69.4% of brands had incorrect labeling, while 75% of products contained lead and 13.9% had arsenic contamination.Source: PMC Report”
भारत में नियामक समस्याएं:
- FSSAI केवल दस्तावेजों पर आधारित अनुमोदन देता है, लेकिन सभी उत्पादों की गहन लैब टेस्टिंग नहीं होती।
- कमजोर कानूनों के कारण कंपनियां गुणवत्ता नियंत्रण से बच निकलती हैं।
- कई सप्लीमेंट्स बिना किसी प्रमाणन के ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार में उपलब्ध हैं।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
भारतीय बाजार में प्रोटीन सप्लीमेंट्स खरीदते समय उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है। PMC रिपोर्ट के अनुसार, कई भारतीय ब्रांड्स अपने उत्पादों में हानिकारक पदार्थ मिलाते हैं, जो लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं । इसलिए सही उत्पाद का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है।
सही प्रोटीन सप्लीमेंट कैसे चुनें?
- प्रमाणित ब्रांड्स का चुनाव करें – ऐसे ब्रांड्स खरीदें जो अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं।
- प्रोडक्ट लेबल ध्यान से पढ़ें – यह सुनिश्चित करें कि सप्लीमेंट में कोई अतिरिक्त हानिकारक रसायन या भारी धातु नहीं हैं।
- FSSAI और अन्य मानकों की जाँच करें – प्रमाणन (Certification) वाले उत्पाद ही खरीदें।
- कस्टमर रिव्यू देखें – अन्य उपभोक्ताओं के अनुभवों को पढ़ें और विश्वसनीय वेबसाइट्स से खरीदें।
- सस्ते प्रोडक्ट्स से बचें – कई बार कम कीमत वाले उत्पादों में मिलावट पाई जाती है।
PMC रिपोर्ट के अनुसार:
“भारतीय उपभोक्ताओं को प्रोटीन सप्लीमेंट खरीदते समय सतर्क रहना चाहिए। सही प्रमाणन, विश्वसनीय ब्रांड और गुणवत्ता की जांच करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है।”
“Indian consumers should be cautious when purchasing protein supplements. Checking for proper certifications, reputable brands, and quality assurance can help avoid health risks.Source: PMC Report”
निष्कर्ष
भारतीय प्रोटीन सप्लीमेंट्स के बारे में किए गए अध्ययनों से यह साफ हो गया है कि बाजार में मिलने वाले अधिकांश उत्पाद गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरते। PMC रिपोर्ट के अनुसार, 36 में से 25 सप्लीमेंट्स में गलत प्रोटीन जानकारी दी गई थी, और इनमें से कई में भारी धातुएं, कीटनाशक और हानिकारक फंगल टॉक्सिन मौजूद थे ।
भारत में FSSAI और अन्य नियामक संस्थाओं को अधिक कठोर नियम लागू करने की आवश्यकता है, ताकि बाजार में केवल उच्च गुणवत्ता वाले और सुरक्षित उत्पाद ही बिकें। वर्तमान समय में, उपभोक्ताओं को खुद जागरूक रहना होगा और खरीदारी से पहले अच्छी तरह से जांच करनी होगी।
PMC रिपोर्ट के अनुसार:
“अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला कि भारतीय प्रोटीन सप्लीमेंट्स में व्यापक रूप से मिलावट और गलत जानकारी पाई गई। 69.4% ब्रांड्स ने गलत प्रोटीन कंटेंट दर्शाया, जबकि 75% में सीसा और 13.9% में आर्सेनिक मिला।”
“The study concluded that Indian protein supplements widely contain adulteration and misinformation. 69.4% of brands misrepresented protein content, while 75% contained lead and 13.9% had arsenic contamination.”
इसलिए, उपभोक्ताओं को जागरूक रहना चाहिए और हमेशा प्रमाणित, परीक्षण किए गए, और विश्वसनीय ब्रांड्स के प्रोटीन सप्लीमेंट्स का ही चुनाव करना चाहिए।
Disclaimer:“यह लेख केवल सूचना उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों और रिपोर्ट्स पर आधारित है। कोई भी प्रोटीन सप्लीमेंट लेने से पहले कृपया किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ या न्यूट्रिशनिस्ट से परामर्श करें। इस लेख में दी गई जानकारी व्यक्तिगत स्वास्थ्य सलाह का विकल्प नहीं है।”