भारत में हर साल लाखों लोग बेहतर जीवन और आर्थिक स्थिरता की तलाश में विदेशों में रोजगार के लिए जाते हैं। हालांकि, अवैध प्रवासन, फर्जी एजेंट्स, और रोजगार सुरक्षा की कमी जैसी समस्याएँ हमेशा बनी रहती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार “ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024” को लाने की तैयारी कर रही है। यह विधेयक 1983 के इमिग्रेशन एक्ट की जगह लेगा और प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा व अधिकारों को मजबूत करेगा।
PIB की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार ने विदेश में सुरक्षित और संरचित रोजगार को सुनिश्चित करने के लिए इस नए विधेयक पर गंभीरता से विचार किया है। PIB (Press Information Bureau) की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय और संसदीय समिति ने मिलकर यह सिफारिश की है कि नए इमिग्रेशन कानून में मौजूदा नियमों को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।
- 1983 के इमिग्रेशन कानून में बदलाव की सिफारिश की गई है ताकि प्रवासियों को अधिक सुरक्षा मिले और वे फर्जी एजेंट्स के शिकार न हों।
- नए विधेयक के तहत Protector of Emigrants (P.O.E) कार्यालयों का विस्तार किया जाएगा, जिससे विदेश जाने वाले लोगों को आसानी से सहायता मिल सके।
- सरकार की योजना है कि विदेशों में काम करने वाले भारतीयों के लिए हेल्पलाइन और शिकायत समाधान तंत्र को और मजबूत किया जाए।
- इस विधेयक को संसदीय समिति की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया जा रहा है, जिससे अवैध प्रवासन पर रोक लगाई जा सके और भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रोजगार मिल सके।
इस कानून की आवश्यकता क्यों पड़ी?
- हाल ही में अमेरिका ने 104 भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट कर दिया, जिससे अवैध प्रवासन और प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा पर चिंता बढ़ गई।
- पुराने 1983 के इमिग्रेशन एक्ट में कई खामियाँ थीं – इसमें रोजगार एजेंट्स की निगरानी और सुरक्षा उपायों की कमी थी।
- फर्जी एजेंट्स और अनियमित माइग्रेशन के कारण हजारों भारतीय विदेश में परेशानी में फंस जाते हैं।
- P.O.E (Protector of Emigrants) कार्यालयों की संख्या सीमित थी, जिससे प्रवासियों को सही जानकारी और सहायता प्राप्त करने में कठिनाई होती थी।
नया कानून इन सभी मुद्दों को हल करने के लिए लाया जा रहा है। यह न केवल विदेशों में रोजगार के अवसरों को अधिक पारदर्शी बनाएगा, बल्कि भारतीय प्रवासियों के अधिकारों और सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा।
नया कानून क्यों लाया जा रहा है?
भारत सरकार द्वारा “ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024” लाने के पीछे कई कारण हैं। हाल ही में अमेरिका से 104 भारतीयों की डिपोर्टेशन के बाद इस विषय पर और अधिक चर्चा शुरू हो गई है। अवैध प्रवासन, फर्जी नौकरी देने वाले एजेंट्स, और विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा की कमी जैसी समस्याएँ लंबे समय से बनी हुई हैं।
- 1983 का इमिग्रेशन एक्ट पुराना हो चुका है और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधारों की जरूरत थी।
- कई भारतीय फर्जी एजेंट्स के झांसे में आकर विदेश चले जाते हैं, जहाँ उन्हें बिना उचित दस्तावेजों के काम करने को मजबूर किया जाता है।
- भारत के कई राज्यों में Protector of Emigrants (P.O.E) कार्यालयों की संख्या सीमित होने के कारण प्रवासियों को सही जानकारी और सहायता प्राप्त करने में कठिनाई होती थी।
- प्रवासी भारतीयों को रोजगार के अनुबंधों में धोखाधड़ी, कम वेतन, और खराब कार्यस्थल परिस्थितियों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
Jagran की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से 104 भारतीयों की डिपोर्टेशन के बाद भारत सरकार ने विदेश में सुरक्षित प्रवासन को लेकर एक नए कानून की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार इस विधेयक के जरिए विदेश जाने वाले भारतीयों को एक संगठित और सुरक्षित माइग्रेशन प्रणाली प्रदान करना चाहती है।
- संसदीय समिति की सिफारिशों के अनुसार, नए कानून में रोजगार एजेंट्स की सख्त निगरानी और नियोक्ताओं की जवाबदेही तय की जाएगी।
- पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे माइग्रेशन हॉटस्पॉट्स में Protector of Emigrants (P.O.E) के नए कार्यालय खोले जाएंगे।
- विदेश जाने वाले भारतीयों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा, ताकि वे अधिक सुरक्षित ढंग से रोजगार प्राप्त कर सकें।
- सरकार नए कानून को एक साल के भीतर लागू करने की योजना बना रही है।
नया कानून क्या बदलाव लाएगा?
भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित “ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024” पुराने 1983 के इमिग्रेशन कानून की जगह लेगा और कई महत्वपूर्ण सुधार लाएगा।
1. प्रवासियों के लिए अधिक सुरक्षा
- फर्जी एजेंट्स और धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त नियम लागू होंगे।
- जो एजेंट विदेश में नौकरी दिलाने का दावा करेंगे, उन्हें सरकार के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
- भारतीय प्रवासियों को एक आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से विदेश में नौकरी के अवसरों की प्रमाणिकता को सत्यापित करने का विकल्प मिलेगा।
2. Protector of Emigrants (P.O.E) का विस्तार
- पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान जैसे राज्यों में P.O.E कार्यालयों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
- भारतीय दूतावास और काउंसलेट्स को नागरिकों की शिकायतों के निपटारे के लिए अधिक अधिकार दिए जाएंगे।
3. विदेशी नियोक्ताओं की निगरानी
- अब कोई भी विदेशी नियोक्ता भारत से श्रमिकों को रोजगार देने से पहले सरकारी मान्यता प्राप्त करेगा।
- रोजगार अनुबंधों को सरकार द्वारा सत्यापित किया जाएगा, ताकि भारतीय श्रमिकों को उचित वेतन और सुविधाएँ मिलें।
4. अवैध प्रवासन पर सख्ती
- सरकार अब अवैध प्रवासन और ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए सख्त नियम लागू करेगी।
- विदेश जाने वाले नागरिकों को अनिवार्य रूप से एक डिजिटल अप्रूवल सिस्टम के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
5. नौकरी और वेतन सुरक्षा
- प्रवासी श्रमिकों को कम वेतन, शोषण और खराब कार्यस्थल स्थितियों से बचाने के लिए एक हेल्पलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।
- यदि कोई भारतीय विदेश में नौकरी के दौरान किसी संकट में फंसता है, तो सरकार उसे कानूनी सहायता और आर्थिक मदद देगी।
सरकार यह नया कानून प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और रोजगार के अवसरों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लागू कर रही है।
- संसदीय समिति की सिफारिशों के अनुसार, सरकार ने Protector of Emigrants (P.O.E) कार्यालयों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है।
- सरकार अब रोजगार एजेंट्स और विदेशी नियोक्ताओं के सत्यापन की प्रक्रिया को सख्त कर रही है, जिससे भारतीयों को सुरक्षित नौकरी मिल सके।
- सरकार इस विधेयक के तहत विदेश जाने वाले नागरिकों के लिए ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर भी शुरू करेगी।
नए कानून के तहत, विदेश में काम करने वाले भारतीय प्रवासियों के लिए वेतन पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी, जिससे आउटसोर्सिंग कर्मियों की सैलरी जैसी घरेलू श्रम नीतियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभाव दिखेगा।
नया कानून किन भारतीयों को लाभ देगा?
भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित “ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024” का उद्देश्य विदेश जाने वाले भारतीयों के लिए सुरक्षित और पारदर्शी प्रवासन प्रणाली स्थापित करना है। यह कानून विभिन्न वर्गों के लोगों को लाभ पहुंचाएगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां रोजगार के लिए माइग्रेशन अधिक होता है।
Navbharat Times की रिपोर्ट के अनुसार, यह नया कानून भारत के उन नागरिकों के लिए बेहद लाभकारी होगा, जो नौकरी के लिए विदेश जाते हैं। यह विधेयक निम्नलिखित वर्गों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा:
मिडिल ईस्ट (UAE, सऊदी अरब, कतर) में काम करने वाले भारतीय श्रमिक:
बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर और तकनीकी कर्मचारी खाड़ी देशों में काम करने जाते हैं।
इस कानून से उनकी सुरक्षा बढ़ेगी और नियोक्ताओं द्वारा न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाएगा।
भारत सरकार की तरह, कुछ राज्य सरकारें भी प्रवासियों और स्थानीय नागरिकों के कल्याण के लिए प्रयास कर रही हैं, जैसे कि पुजारी ग्रंथि सम्मान योजना, जो धार्मिक व्यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता सुनिश्चित करती है।
IT और हेल्थकेयर सेक्टर के प्रोफेशनल्स
- अमेरिका, कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स बड़ी संख्या में काम करते हैं।
- अब इन्हें विदेश जाने से पहले रोजगार की शर्तों और अनुबंधों की पूरी पारदर्शिता मिलेगी।
कंस्ट्रक्शन और ब्लू-कॉलर वर्कर्स
- खाड़ी देशों, मलेशिया और सिंगापुर में हजारों भारतीय श्रमिक निर्माण और फैक्ट्री सेक्टर में काम करते हैं।
- अब उन्हें बेहतर सुरक्षा और कानूनी सहायता मिलेगी, जिससे जबरन ओवरटाइम या वेतन कटौती जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा।
- विदेशों में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को भी इस कानून से लाभ मिलेगा।
- सरकार शिक्षा वीजा और स्टूडेंट जॉब्स से जुड़े नियमों को सरल और पारदर्शी बनाएगी।
सरकार का नया प्लान और चुनौतियाँ
भारत सरकार “ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024” को लागू करने के लिए एक व्यापक रणनीति बना रही है, जिससे भारतीय प्रवासियों को अधिक सुरक्षित और सुगम अनुभव मिल सके।
Hindustan की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस कानून के तहत विदेशों में काम करने वाले भारतीयों के लिए कई नई सुविधाएँ और सुरक्षा उपाय लागू कर रही है।
सरकार की नई रणनीति
- Protector of Emigrants (P.O.E) कार्यालयों की संख्या में वृद्धि
- नए P.O.E केंद्र खुलने से प्रवासियों को वेरिफाइड जॉब ऑफर्स और वीजा से जुड़ी सही जानकारी मिलेगी।
- एक नया ऑनलाइन पोर्टल
- विदेश जाने वाले लोगों के लिए एक डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रणाली विकसित की जाएगी।
- इससे नौकरी देने वाली कंपनियों की विश्वसनीयता को वेरिफाई करने की प्रक्रिया सरल होगी।
- शिकायत समाधान केंद्र
- विदेशों में फंसे भारतीयों की समस्याओं के समाधान के लिए एक 24/7 हेल्पलाइन और काउंसलिंग सुविधा दी जाएगी।
- विदेशी सरकारों से सहयोग
- भारत UAE, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कई देशों के साथ समझौते कर रहा है ताकि भारतीय प्रवासियों को बेहतर कानूनी सहायता मिल सके।
मुख्य चुनौतियाँ
- कानून लागू करने में संभावित देरी
- इस नए कानून को लागू करने में कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा, जिससे इसमें समय लग सकता है।
- फर्जी एजेंट्स का नेटवर्क
- सरकार को अवैध इमिग्रेशन एजेंट्स के नेटवर्क को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
- कई फर्जी कंपनियाँ नकली नौकरी के नाम पर लोगों से पैसा लेकर उन्हें धोखा देती हैं।
- विदेशी सरकारों के साथ तालमेल
- कुछ देशों में कड़े इमिग्रेशन कानून हैं, जिससे भारतीय प्रवासियों को वीजा संबंधी समस्याएँ होती हैं।
- सरकार को विदेशी सरकारों के साथ बातचीत करके इस मुद्दे का हल निकालना होगा।
पाठकों की राय – क्या यह कानून प्रभावी होगा?
भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित “ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024” को लेकर आम जनता और विशेषज्ञों की मिश्रित प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कानून भारतीय प्रवासियों के लिए सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाएगा, जबकि कुछ को लगता है कि इसे प्रभावी तरीके से लागू करने में चुनौतियाँ आ सकती हैं। यह नया कानून भारतीय प्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कई चुनौतियाँ हो सकती हैं।
समर्थकों की राय:
- भारतीय प्रवासी इस कानून का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि यह उन्हें नौकरी की सुरक्षा, वेतन गारंटी और कानूनी सहायता प्रदान करेगा।
- विदेशों में फर्जी एजेंट्स और धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त नियम लागू होंगे।
- सरकार द्वारा Protector of Emigrants (P.O.E) कार्यालयों की संख्या बढ़ाने की योजना को एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
आलोचकों की राय
- कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस कानून को प्रभावी रूप से लागू करने में देरी हो सकती है, क्योंकि इसमें कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएँ जटिल हैं।
- कुछ लोगों को डर है कि विदेशी कंपनियाँ भारतीय श्रमिकों को नौकरी देने में हिचकिचा सकती हैं, क्योंकि अब उन्हें कड़े नियमों का पालन करना होगा।
- यदि सरकार ने विदेशी सरकारों और नियोक्ताओं के साथ बेहतर तालमेल नहीं बैठाया, तो भारतीय प्रवासियों को वास्तविक लाभ नहीं मिल पाएगा।
निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा लाया जा रहा “ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024” भारतीय प्रवासियों के लिए एक ऐतिहासिक और सकारात्मक पहल हो सकता है। यह कानून फर्जी एजेंट्स पर सख्ती, प्रवासियों की सुरक्षा, और रोजगार की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
मुख्य लाभ:
- भारतीय प्रवासी अब अधिक सुरक्षित और संगठित तरीके से विदेश में नौकरी पा सकेंगे।
- सरकार विदेशी नियोक्ताओं पर निगरानी रखेगी, जिससे प्रवासी श्रमिकों का शोषण रोका जा सके।
- Protector of Emigrants (P.O.E) कार्यालयों के विस्तार से लोगों को सही जानकारी और सहायता मिल सकेगी।
मुख्य चुनौतियाँ:
- लागू करने में प्रशासनिक और कानूनी बाधाएँ आ सकती हैं।
- विदेशी सरकारों और नियोक्ताओं को भारतीय कानून के साथ तालमेल बैठाने में समय लग सकता है।
- अवैध इमिग्रेशन रोकने के लिए मजबूत जमीनी स्तर की व्यवस्था जरूरी होगी।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विधेयक को कैसे लागू करती है और इसे प्रवासी भारतीयों के लिए और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जाता है।
Disclaimer:“यह लेख केवल सूचना उद्देश्य के लिए है। इस कानून से जुड़ी जानकारी सरकार द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के आधार पर सत्यापित की जानी चाहिए। किसी भी निर्णय से पहले संबंधित सरकारी पोर्टल पर विवरण अवश्य पढ़ें।”