February 5, 2025

युद्धक्षेत्र में भारत का नया योद्धा: ‘SANJAY – The Battlefield Surveillance System (BSS)’

भारतीय सेना की सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के उद्देश्य से, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 24 जनवरी 2025 को नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक से ‘संजय – द बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम (BSS)’ का उद्घाटन किया। यह प्रणाली भारतीय सेना के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो आधुनिक तकनीकी उपकरणों और उन्नत विश्लेषण क्षमताओं के माध्यम से युद्धक्षेत्र की निगरानी और त्वरित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करती है।

‘SANJAY – The Battlefield Surveillance System’ क्या है?

‘संजय प्रणाली’ एक स्वचालित निगरानी प्रणाली है, जो ज़मीनी और हवाई सेंसरों से प्राप्त डेटा को एकत्र करती है। यह प्रणाली न केवल डेटा को सत्यापित करती है, बल्कि डुप्लिकेशन (पुनरावृत्ति) को रोककर इसे एक कॉमन सर्विलांस पिक्चर (CSP) में परिवर्तित करती है। इसके माध्यम से सेना को युद्धक्षेत्र की स्पष्ट और सटीक स्थिति का आकलन करने में मदद मिलती है।

यह प्रणाली सुरक्षित सेना डेटा नेटवर्क और सैटेलाइट कम्युनिकेशन नेटवर्क के माध्यम से काम करती है, जो इसे अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाती है। प्रणाली का उपयोग केवल युद्ध के दौरान ही नहीं, बल्कि सीमा निगरानी और खुफिया अभियानों में भी किया जा सकता है।

रक्षा मंत्री के शब्दों में:

“संजय प्रणाली भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और सेना के नेटवर्क-केंद्रित संचालन में एक बड़ी छलांग है। यह न केवल भारतीय सेना को आधुनिक तकनीकी लाभ प्रदान करेगी, बल्कि भविष्य के युद्धक्षेत्रों को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगी।”
Source link: Pib.gov.in

मुख्य उद्देश्य

  • युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता बढ़ाना।
  • कमांडरों को वास्तविक समय में त्वरित और सटीक निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करना।
  • ज़मीनी और हवाई निगरानी का एकीकरण करना।
  • सुरक्षा नेटवर्क के माध्यम से डेटा का सुरक्षित और तेज़ प्रसारण।

यह पहल भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत मुहिम का हिस्सा है, जो स्वदेशी तकनीक और संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देती है। उद्घाटन के अवसर पर, एक ट्वीट में प्रणाली की विशेषताओं को सराहा गया:

“SANJAY is an automated system which integrates the inputs from all ground and aerial battlefield sensors, processing them to confirm their veracity, preventing duplication, and fusing them to produce a Common Surveillance Picture of the battlefield.”

 

यह प्रणाली भारतीय सेना के लिए न केवल वर्तमान की चुनौतियों को हल करने में मददगार है, बल्कि भविष्य में संभावित खतरों का सामना करने के लिए भी तैयार है।

SANJAY – The Battlefield Surveillance System का परिचय

‘संजय – द बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम (BSS)’ भारतीय सेना की निगरानी क्षमताओं को उन्नत बनाने के लिए विकसित की गई एक स्वदेशी प्रणाली है। यह प्रणाली विशेष रूप से युद्धक्षेत्र की वास्तविक स्थिति का सटीक आकलन प्रदान करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है।

संजय प्रणाली के मुख्य पहलू:

  • 1.डेटा संग्रह और एकीकरण:
    • •यह प्रणाली ज़मीनी और हवाई सेंसरों से डेटा एकत्र करती है।
    • •विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी को एकीकृत कर एक कॉमन सर्विलांस पिक्चर (CSP) तैयार करती है।
  • 2.युद्धक्षेत्र में पारदर्शिता:
    • •कमांडरों को वास्तविक समय में युद्धक्षेत्र की सटीक स्थिति देखने में मदद करती है।
    • •यह पारदर्शिता दुश्मन की गतिविधियों को समझने और त्वरित प्रतिक्रिया देने में सहायक है।
  • 3.कार्यप्रणाली का फोकस:
    • •सीमा पर निगरानी और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान।
    • •पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों अभियानों में उपयोग।

प्रणाली के उद्देश्य

  • घुसपैठ को रोकने और निगरानी को सटीक बनाने के लिए डिज़ाइन।
  • वास्तविक समय में निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाना।
  • युद्धक्षेत्र के डेटा को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से उपयोग करना।

यह प्रणाली भारतीय सेना के लिए एक क्रांतिकारी उपकरण है, जो युद्धक्षेत्र में डेटा संचालित रणनीतियों को लागू करने में मदद करता है।

विशेषताएँ और तकनीकी विवरण

‘संजय प्रणाली’ अत्याधुनिक तकनीक और उन्नत विश्लेषण क्षमताओं से लैस है, जो इसे भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपकरण बनाती है। यह प्रणाली न केवल युद्धक्षेत्र की निगरानी करती है, बल्कि सुरक्षित संचार और उन्नत डेटा प्रोसेसिंग के माध्यम से सैन्य अभियानों को कुशल बनाती है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • उन्नत सेंसर तकनीक:
    • प्रणाली विभिन्न प्रकार के आधुनिक सेंसरों का उपयोग करती है, जो दुश्मन की गतिविधियों और युद्धक्षेत्र की स्थिति को सटीक रूप से मॉनिटर करते हैं।
    • सेंसर से प्राप्त डेटा को फ्यूजन तकनीक के माध्यम से समेकित किया जाता है।
  • सुरक्षित और तेज़ संचार:
    • यह प्रणाली सुरक्षित सेना डेटा नेटवर्क और सैटेलाइट कम्युनिकेशन नेटवर्क का उपयोग करती है।
    • डेटा ट्रांसफर के लिए मल्टी-लेयर्ड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल और हाई-स्पीड डिजिटल नेटवर्क का उपयोग किया गया है।
  • डेटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण:
    • यह प्रणाली डेटा को रियल-टाइम में प्रोसेस करती है, जिससे त्वरित और सटीक निर्णय लेने में मदद मिलती है।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और एडवांस एनालिटिक्स का उपयोग संभावित खतरों की पहचान और पूर्वानुमान में किया जाता है।
  • ऑपरेशनल बहुमुखी प्रतिभा:
    • पारंपरिक और गैर-पारंपरिक अभियानों में समान रूप से उपयोगी।
    • सीमा निगरानी और खुफिया अभियानों के लिए इसे विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है।
  • तकनीकी उपकरण और संरचना:
    • यह प्रणाली फाइबर ऑप्टिक्स, VHF, HF, और UHF नेटवर्क के साथ काम करती है।
    • सटीकता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हाइब्रिड संचार तकनीकों का उपयोग।
  • प्रणाली की उन्नत क्षमताएँ:
    • युद्धक्षेत्र की सटीक स्थिति का अनुमान लगाने के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग।
    • त्वरित निर्णय समर्थन प्रणाली, जो दुश्मन की गतिविधियों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में मदद करती है।
  • मुख्य अंतर:
    • 1.सेक्शन 2: प्रणाली के परिचय, उद्देश्यों और कार्यप्रणाली पर केंद्रित।
    • 2.सेक्शन 3: उन्नत तकनीकी विशेषताओं और इसकी क्षमताओं पर गहराई से फोकस।

विकास और आत्मनिर्भरता में योगदान

‘SANJAY – The Battlefield Surveillance System’ भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के सहयोग से विकसित एक स्वदेशी प्रणाली है। यह परियोजना भारतीय सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यरत है।

संयुक्त विकास का प्रयास

  • भारतीय सेना और BEL का योगदान
    • यह प्रणाली भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है।
    • BEL और सेना के विशेषज्ञों ने इसे आधुनिक तकनीकों और स्वदेशी संसाधनों का उपयोग करके तैयार किया।
  • Buy (Indian)’ कैटेगरी के तहत निर्माण
    • इस परियोजना को स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं को प्राथमिकता देने के लिए विकसित किया गया है।
    • इसकी कुल लागत ₹2,402 करोड़ है, जो भारत के रक्षा बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

‘संजय प्रणाली’ ने स्वदेशी विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारतीय सेना की तकनीकी क्षमता में सुधार किया है। यह प्रणाली रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण से एक क्रांतिकारी कदम है। संजय प्रणाली के माध्यम से भारत न केवल अपनी रक्षा तकनीकों में आत्मनिर्भर बन रहा है, बल्कि देश की अन्य योजनाएं जैसे PM Vishwakarma Yojana भी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में सहायक हैं।

प्रणाली के लाभ

‘संजय प्रणाली’ भारतीय सेना को कई रणनीतिक लाभ प्रदान करती है। यह प्रणाली न केवल युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता बढ़ाती है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया को भी तेज और सटीक बनाती है।

मुख्य लाभ:

  • युद्धक्षेत्र पारदर्शिता में सुधार
    • यह प्रणाली ग्राउंड और एरियल सेंसरों से डेटा प्राप्त करके युद्धक्षेत्र की सटीक तस्वीर प्रदान करती है।
    • इससे कमांडरों को वास्तविक समय में जानकारी मिलती है, जो बेहतर रणनीति बनाने में सहायक है।
  • घुसपैठ और खतरों की पहचान
    • यह प्रणाली सीमा पर होने वाली घुसपैठ और संदिग्ध गतिविधियों की त्वरित पहचान करती है।
    • यह इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस (ISR) क्षमताओं को मजबूती प्रदान करती है।
  • निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार
    • केंद्रीय वेब एप्लिकेशन के माध्यम से कमांड और सेना मुख्यालय तक डेटा पहुंचता है।
    • डेटा-संचालित निर्णय लेने में मदद मिलती है, जिससे समय और संसाधनों की बचत होती है।
  • ऑपरेशनल प्रभाव
    • प्रणाली के जरिए सैनिकों और कमांडरों को बेहतर सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता मिलती है।
    • यह प्रणाली भारतीय सेना को पारंपरिक और गैर-पारंपरिक अभियानों में उपयोगी साबित होती है।

उद्घाटन के दौरान, रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया:

सटीक डेटा और सुरक्षित नेटवर्क के जरिए संजय प्रणाली की तरह, PM Fasal Bima Yojana भी किसानों को सटीक जानकारी और समर्थन प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।

सेना के लिए इसका महत्व

‘संजय – द बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम’ भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपकरण है, जो न केवल वर्तमान सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि भविष्य की युद्ध रणनीतियों में भी सहायता करता है। इस प्रणाली ने सेना को पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों प्रकार के अभियानों में एक नई दिशा प्रदान की है।

  • पारंपरिक और गैर-पारंपरिक अभियानों में उपयोगिता
    • यह प्रणाली नेटवर्क-केंद्रित युद्धक्षेत्र की नींव रखती है, जहां वास्तविक समय में युद्धक्षेत्र की स्थिति का आकलन और रणनीति तैयार की जा सकती है।
    • •यह प्रणाली आतंकवाद विरोधी अभियानों और सीमा निगरानी में भी उपयोगी साबित होती है।
  • युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता
    • ‘संजय प्रणाली’ सेना को युद्धक्षेत्र की सटीक तस्वीर प्रदान करती है।
    • इससे कमांडरों को महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद मिलती है, जिससे सेना की प्रतिक्रिया समय (reaction time) में सुधार होता है।
  • डेटा-संचालित निर्णय लेने की क्षमता
    • केंद्रीय वेब एप्लिकेशन के माध्यम से डेटा का प्रसारण होता है।
    • यह प्रणाली सभी स्तरों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज और सटीक बनाती है।
  •  सीमाओं की निगरानी और सुरक्षा
    • •प्रणाली के माध्यम से घुसपैठ और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान और रोकथाम की जा सकती है।
    • •यह भारतीय सेना की खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं को मजबूती प्रदान करती है।

निष्कर्ष

‘SANJAY – The Battlefield Surveillance System’ भारतीय सेना के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी की प्रगति को दर्शाता है। यह प्रणाली न केवल सेना की निगरानी और सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाती है, बल्कि भविष्य में नेटवर्क-केंद्रित युद्धक्षेत्र संचालन में भी एक नई दिशा प्रदान करती है।

मुख्य उपलब्धियाँ

  • युद्धक्षेत्र पारदर्शिता और त्वरित निर्णय लेने में सुधार।
  • सीमा निगरानी और घुसपैठ की रोकथाम।
  • स्वदेशी तकनीकी विकास के लिए एक बड़ा कदम।

यह प्रणाली न केवल भारत की सुरक्षा को मजबूत बनाती है, बल्कि यह तकनीकी आत्मनिर्भरता का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। क्या आप मानते हैं कि ऐसी तकनीकी पहलें भारत को वैश्विक रक्षा मानचित्र पर अग्रणी बना सकती हैं? अपनी राय हमें टिप्पणियों में जरूर बताएं।

Radha Kuruvilla

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