April 1, 2025

Patna-Purnia Expressway 2025: किन शहरों को मिलेगा बायपास, जानें नए रूट की पूरी जानकारी

बिहार में परिवहन और आधारभूत संरचना के विकास को गति देने के लिए सरकार द्वारा कई नई योजनाएँ लागू की जा रही हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण परियोजना है Patna-Purnia Expressway, जो राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ने के लिए प्रस्तावित है। यह एक्सप्रेसवे बिहार के कई जिलों से होकर गुजरेगा और राज्य के व्यापार, परिवहन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।

बिहार के कई हिस्सों में अभी भी अच्छी सड़क सुविधा की कमी है, जिससे आवागमन में काफी समय लगता है। इस परियोजना का उद्देश्य यात्रियों और मालवाहक वाहनों के लिए एक तेज और सुगम मार्ग उपलब्ध कराना है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

Patna-Purnia Expressway का संक्षिप्त विवरण

Patna-Purnia Expressway बिहार का एक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना है, जिसकी कुल लंबाई 244.931 किलोमीटर होगी। यह एक्सप्रेसवे छह जिलों से होकर गुजरेगा और इसमें लगभग 55 मौजे (गाँव और छोटे कस्बे) शामिल होंगे। इस परियोजना के तहत सरकार को बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण करना होगा ताकि सड़क निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा सके।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • कुल लंबाई: 244.931 किलोमीटर
  • जिले: पटना, नालंदा, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार, पूर्णिया
  • निर्माण का वर्तमान चरण: भूमि अधिग्रहण और सर्वेक्षण कार्य जारी
  • प्रस्तावित सड़क चौड़ाई: चार से छह लेन
  • यात्रा समय में संभावित कमी: पटना से पूर्णिया की दूरी वर्तमान में लगभग 8 घंटे लगती है, एक्सप्रेसवे के बन जाने से यह घटकर 4-5 घंटे रह जाएगी

जागरण के अनुसार, इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है, जिसमें पूर्णिया जिले में 59.231 किलोमीटर सड़क का निर्माण प्रस्तावित है। सरकार ने इस परियोजना के लिए बजट का आवंटन कर दिया है और इसे तय समय में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

Patna-Purnia Expressway किन जिलों और अंचलों से गुजरेगा?

Patna-Purnia Expressway पटना, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार और पूर्णिया जिलों से होकर गुजरेगा। इसके साथ ही, यह कई अंचलों (तहसीलों) और छोटे गाँवों (मौजों) से भी होकर गुजरेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

पूर्णिया जिले के प्रमुख अंचल और मौजे

यह एक्सप्रेसवे पूर्णिया जिले में कई अंचलों और गाँवों से होकर गुजरेगा, जिनमें शामिल हैं:

  • बड़हरा अंचल: सुखसेना, भटोतर सहित कुल 17 गाँव (मौजे)
  • धमदाहा अंचल: चिकनी, राजघाट गरैल, दमैली सहित कुल 15 गाँव (मौजे)
  • कृत्यानंद नगर अंचल: बिठनौली, खेमचंद, काझा, ठाकुरबाड़ी, अकबराबाद सहित कुल 14 गाँव (मौजे)
  • पूर्णिया पूर्व अंचल: हंसदा, मतडोभ, मोहनकुंडा, सिकंदरपुर
  • कसबा अंचल: फतेहपुर, आलमपुर, पूपरिआ
  • डगरूआ अंचल: टेंग्री, टेंगरी (242)

प्रमुख जिलों से होने वाले फायदे

  • पटना: बिहार की राजधानी और व्यापारिक केंद्र, जिससे राज्य में यातायात और आर्थिक गतिविधियाँ तेज होंगी।
  • बेगूसराय: औद्योगिक केंद्र, जिससे यहाँ के व्यापारियों और उद्योगों को बेहतर संपर्क मिलेगा।
  • खगड़िया: कृषि प्रधान जिला, जिससे किसानों को अपने उत्पाद बड़े बाजारों तक पहुँचाने में सुविधा मिलेगी।
  • कटिहार: पूर्वोत्तर भारत के राज्यों से संपर्क के लिए महत्वपूर्ण, जिससे यहाँ का व्यापार बढ़ेगा।
  • पूर्णिया: यह इस एक्सप्रेसवे का अंतिम बिंदु होगा, जिससे यहाँ के बाजारों और व्यावसायिक गतिविधियों को लाभ मिलेगा।

इन जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लागू की है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकता है।

Jagran के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे 244.931 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें पूर्णिया जिले में 59.231 किलोमीटर सड़क का निर्माण प्रस्तावित है।

सरकार और प्रशासन की योजनाएँ

Patna-Purnia Expressway
Patna-Purnia Expressway

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस परियोजना का कार्यान्वयन केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से किया जा रहा है।

भूमि अधिग्रहण की योजना

इस परियोजना के लिए करीब 244 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। सरकार इस प्रक्रिया को पारदर्शी और किसानों के हित में पूरा करने का प्रयास कर रही है।

निर्माण प्रक्रिया और निर्धारित समय सीमा

वर्तमान में इस परियोजना का सर्वेक्षण और भूमि अधिग्रहण कार्य प्रगति पर है। सरकार का लक्ष्य है कि निर्माण कार्य 2025 तक शुरू हो जाए और 2028 तक यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह चालू हो जाए।

प्रशासनिक मंजूरी और बजट

सरकार ने इस परियोजना के लिए हजारों करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। विभिन्न सरकारी एजेंसियाँ इस परियोजना की मॉनिटरिंग कर रही हैं ताकि इसे तय समय में पूरा किया जा सके।

भविष्य की अन्य योजनाएँ

सरकार इस एक्सप्रेसवे के साथ अन्य बुनियादी सुविधाएँ जैसे टोल प्लाजा, पेट्रोल पंप, फूड प्लाजा और ट्रक स्टॉप विकसित करने की योजना बना रही है। इससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी और परिवहन व्यवस्था मजबूत होगी।

इसके अतिरिक्त, सरकार ने छात्रों की उच्च शिक्षा को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना जैसी पहल भी शुरू की है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र बिना गारंटी के शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

स्थानीय लोगों की राय और संभावित चुनौतियाँ

Patna-Purnia Expressway के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों को इस परियोजना से बड़े फायदे की उम्मीद है, तो कुछ को इससे जुड़ी चुनौतियों को लेकर चिंता है।

स्थानीय लोगों की राय

  • यात्रियों और व्यापारियों को राहत: व्यापारियों का मानना है कि इस एक्सप्रेसवे के कारण यात्रा का समय घटेगा, जिससे माल ढुलाई आसान और सस्ती हो जाएगी।
  • रोजगार की संभावनाएँ: स्थानीय युवाओं को इस परियोजना से नए रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है, खासकर निर्माण और परिवहन क्षेत्रों में।
  • बुनियादी ढाँचे में सुधार: ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का मानना है कि इस एक्सप्रेसवे के कारण सड़कें, बिजली और अन्य सुविधाएँ बेहतर होंगी।

संभावित चुनौतियाँ

  • भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याएँ: कई ग्रामीणों को चिंता है कि सरकार उनकी ज़मीन ले लेगी, जिससे वे खेती से वंचित हो सकते हैं
  • पर्यावरणीय प्रभाव: जंगलों और हरित क्षेत्रों से गुजरने वाले मार्गों पर पेड़ों की कटाई और पर्यावरणीय असंतुलन का खतरा है।
  • ट्रैफिक और सुरक्षा: एक्सप्रेसवे बनने के बाद तेज रफ्तार वाहनों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है, जिससे सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी होगा।
  • टोल टैक्स का मुद्दा: कुछ लोगों को चिंता है कि इस एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स अधिक हो सकता है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इसका कम उपयोग कर पाएंगे।

सरकार और प्रशासन को इन चुनौतियों को हल करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत होगी, ताकि इस परियोजना का अधिकतम लाभ मिल सके।

निष्कर्ष

Patna-Purnia Expressway बिहार के विकास और आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके निर्माण से न केवल पटना और पूर्णिया के बीच यात्रा का समय घटेगा, बल्कि व्यापार, कृषि और पर्यटन क्षेत्रों में भी तेज़ी आएगी।

हालांकि, इस परियोजना से जुड़े कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय प्रभाव और सड़क सुरक्षा। सरकार को चाहिए कि वह स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करे, ताकि यह परियोजना बिना किसी रुकावट के सफलतापूर्वक पूरी हो सके।

आने वाले वर्षों में, यह एक्सप्रेसवे बिहार के लिए एक नई परिवहन क्रांति लेकर आएगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी।

Akhil Talwar

Akhil Talwar is a dedicated writer at Sevakendra, specializing in delivering accurate and well-researched news on government jobs, education updates, and official announcements. With 3 years of experience, he has developed a reputation for being a thorough and passionate researcher who leaves no stone unturned in verifying facts. Akhil also tracks viral and trending stories across the internet, focusing on unusual updates, share-worthy news, and people-centric content that resonates with a wide audience. Whether it’s a detailed analysis of a new scheme or a quirky story making waves online, Akhil’s content simplifies complex topics while maintaining depth and precision. He writes in Hindi and Hinglish, making important information accessible to all. His hard work and dedication reflect the values of Sevakendra – bringing meaningful news to the people with authenticity and trust.

View all posts by Akhil Talwar →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *