झारखंड सरकार की Maiya Samman Yojana 2025 राज्य की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए बनाई गई थी। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने एक निश्चित धनराशि दी जाती थी, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर कर सकें। शुरुआत में इस योजना से हजारों महिलाएँ लाभान्वित हुईं, लेकिन हाल ही में सरकार ने इसमें बड़े बदलाव किए हैं।
अब तक इस योजना के तहत झारखंड की लाखों महिलाएँ लाभ प्राप्त कर रही थीं, लेकिन सरकार ने 52,293 महिलाओं को सूची से बाहर कर दिया है। सरकार का कहना है कि नई पात्रता शर्तों के कारण इन महिलाओं को योजना से हटा दिया गया है। इस फैसले से कई महिलाओं में नाराजगी है, वहीं कुछ लोग इसे सही कदम मान रहे हैं। इस लेख में हम योजना में हुए इन बदलावों, इसके कारणों और इसके प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
योजना में हालिया बदलाव और सरकार का रुख
Maiya Samman Yojana 2025 में हाल ही में कई बदलाव किए गए हैं। सरकार ने उन महिलाओं को योजना से हटाने का निर्णय लिया है, जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं या जिनके परिवार के सदस्य सरकारी नौकरियों में कार्यरत हैं।
Jagran की रिपोर्ट के अनुसार, इस बदलाव के तहत 52,293 महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है, जिससे कई लाभार्थी असमंजस में हैं। सरकार का कहना है कि इस योजना का मूल उद्देश्य ज़रूरतमंद महिलाओं को सहायता देना था, लेकिन समय के साथ कई आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों की महिलाएँ भी इस योजना का लाभ उठा रही थीं। इसी कारण, लाभार्थियों की सूची की समीक्षा की गई और नए मानदंडों के आधार पर कई नाम हटाए गए।
सरकार के अनुसार, इन नए बदलावों के कारण:
- सिर्फ उन्हीं महिलाओं को योजना का लाभ मिलेगा, जो वास्तव में ज़रूरतमंद हैं।
- आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों को बाहर किया जाएगा, ताकि संसाधनों का सही उपयोग हो सके।
- भविष्य में भी समीक्षा होती रहेगी, जिससे गलत तरीके से लाभ उठा रहे लोगों को हटाया जा सके।
हालांकि, इस फैसले के बाद कई महिलाओं ने विरोध दर्ज कराया है और सरकार से अपील की है कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें।
सरकार पहले भी कई योजनाओं में पात्रता मानकों को सख्त कर चुकी है। उदाहरण के लिए, Ayushman Bharat Yojana में भी गरीब और जरूरतमंद परिवारों को प्राथमिकता दी गई, जिससे सही लाभार्थियों तक सुविधा पहुँच सके।
Maiya Samman Yojana से किन्हें बाहर किया गया और क्यों?

सरकार ने लाभार्थियों की सूची को दोबारा जाँचने के बाद कुछ नए मापदंड तय किए, जिनके आधार पर हजारों महिलाओं को योजना से हटा दिया गया।
इस योजना से किन्हें बाहर किया गया:
- वेतनभोगी परिवारों की महिलाएँ – जिनके पति या पिता सरकारी सेवा में हैं, उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया।
- आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों की महिलाएँ – वे महिलाएँ, जिनके परिवार की मासिक आय एक निश्चित सीमा से अधिक है, अब इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगी।
- योजना के लिए निर्धारित मानदंडों पर खरी न उतरने वाली महिलाएँ – जिनके दस्तावेज़ या बैंक डिटेल्स पूरी तरह से सही नहीं पाए गए, उन्हें भी योजना से बाहर कर दिया गया।
सरकार का मानना है कि यह कदम योजना को बेहतर और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे प्रभावित महिलाओं का कहना है कि उन्हें बिना किसी ठोस वजह के बाहर किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी या फिर यह बदलाव स्थायी रहेगा?
इससे प्रभावित महिलाओं की प्रतिक्रिया
Maiya Samman Yojana 2025 से 52,293 महिलाओं को हटाने के फैसले के बाद कई जगहों पर नाराजगी देखने को मिली। झारखंड के अलग-अलग जिलों में हजारों महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि वे इस योजना पर आर्थिक रूप से निर्भर थीं।
प्रभावित महिलाओं के प्रमुख तर्क:
- बिना पूर्व सूचना के नाम हटाए गए – कई महिलाओं का कहना है कि उन्हें पहले कोई चेतावनी या नोटिस नहीं मिला।
- गलत तरीके से सूची से बाहर किया गया – कुछ महिलाओं ने दावा किया कि वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं, फिर भी उन्हें हटा दिया गया।
- पुनः आवेदन का कोई स्पष्ट तरीका नहीं बताया गया – महिलाओं का कहना है कि अगर उन्हें हटाया गया है, तो उन्हें दोबारा आवेदन करने का अवसर मिलना चाहिए।
- राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप का आरोप – कुछ संगठनों का मानना है कि हटाए गए लाभार्थियों की सूची में राजनीतिक प्रभाव भी हो सकता है।
महिला संगठनों और समाजसेवी संस्थाओं का रुख:
- कई महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की माँग की है।
- कुछ संगठनों का कहना है कि जिन महिलाओं को हटाया गया है, उन्हें अपने दस्तावेजों के साथ पुनः आवेदन करने का मौका मिलना चाहिए।
- झारखंड में विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि यह फैसला ग़रीब महिलाओं के हक़ पर चोट करने जैसा है।
सरकार का कहना है कि इस फैसले से योजना को पारदर्शी बनाया जा रहा है, लेकिन कई महिलाएँ इसे अन्यायपूर्ण मान रही हैं। अगले भाग में हम देखेंगे कि सरकार ने इस पूरे विवाद पर क्या सफाई दी है और आगे क्या प्रक्रिया होगी।
सरकार की सफाई और आगे की प्रक्रिया
सरकार ने योजना से हजारों महिलाओं को हटाने के फैसले पर सफाई देते हुए कहा कि यह निर्णय योजना में हो रही अनियमितताओं को रोकने के लिए लिया गया। सरकार के मुताबिक, इस योजना का उद्देश्य सिर्फ उन्हीं महिलाओं को लाभ देना था, जो आर्थिक रूप से ज़रूरतमंद हैं, लेकिन समय के साथ इसमें अयोग्य लाभार्थियों की संख्या बढ़ गई थी।
सरकार द्वारा दिए गए मुख्य तर्क:
- बजट का सही इस्तेमाल – इस योजना के लिए सरकार के पास सीमित बजट है, जिसे केवल ज़रूरतमंद महिलाओं तक ही पहुँचाने की कोशिश की जा रही है।
सरकार के अनुसार, यह योजना सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसी तरह, वरिष्ठ नागरिकों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सरकार ने Unified Pension Scheme की शुरुआत की थी, जिससे उन्हें वित्तीय सहायता मिल सके।
- नई पात्रता सूची तैयार की गई – योजना के लिए सख्त नियम लागू किए गए, जिससे केवल वही महिलाएँ लाभ पा सकें, जिन्हें वास्तव में इसकी ज़रूरत है।
- भविष्य में और लाभार्थियों की समीक्षा होगी – यह प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है, आगे भी सरकार लाभार्थियों की सूची की जाँच करेगी।
- गलत तरीके से हटाए गए लोग दोबारा आवेदन कर सकते हैं – सरकार ने कहा कि यदि कोई महिला यह साबित कर दे कि वह योजना के लिए योग्य है, तो वह पुनः आवेदन कर सकती है।
योजना में फिर से शामिल होने की प्रक्रिया:
- सरकार ने उन महिलाओं को आवेदन की सुविधा देने की बात कही है, जो यह साबित कर सकें कि उन्हें गलत तरीके से बाहर किया गया है।
- जिन महिलाओं को हटाया गया है, वे अपने आर्थिक दस्तावेज और परिवार की जानकारी देकर पुनः आवेदन कर सकती हैं।
- सरकार जल्द ही एक ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी, जिससे महिलाएँ अपनी स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकें।
हालांकि, सरकार की इस सफाई के बावजूद महिलाओं में असंतोष बना हुआ है और वे चाहती हैं कि हटाए गए सभी लाभार्थियों की सूची की फिर से समीक्षा की जाए।
निष्कर्ष
Maiya Samman Yojana 2025 में किए गए नए बदलावों ने हज़ारों महिलाओं को प्रभावित किया है। सरकार का दावा है कि यह फैसला योजना को पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया, लेकिन कई महिलाओं के लिए यह एक बड़ा झटका है।
अब सवाल उठता है कि क्या यह फैसला सही है या सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए?
आपका इस फैसले पर क्या विचार है?
- क्या सरकार को इस योजना में बदलाव करने चाहिए?
- जिन महिलाओं का नाम हट गया है, क्या उन्हें दोबारा मौका मिलना चाहिए?
- क्या यह योजना सही लोगों तक पहुँच रही है या नहीं?
नीचे कमेंट करके अपने विचार साझा करें। आपकी राय इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित कर सकती है।