Sukanya Samriddhi Yojana (SSY) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक दीर्घकालिक बचत योजना है, जिसका उद्देश्य बालिकाओं के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना है। इस योजना की शुरुआत ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत की गई थी, जिससे माता-पिता अपनी बेटी की शिक्षा और शादी के लिए धन जुटा सकें।
यह योजना विशेष रूप से उन माता-पिता के लिए बनाई गई है जो अपनी बेटी के लिए एक संगठित और कर मुक्त बचत विकल्प चाहते हैं। इसमें जमा की गई राशि पर आकर्षक ब्याज दर मिलती है और कर लाभ भी मिलता है। इसके अलावा, निवेशक के पास न्यूनतम और अधिकतम जमा राशि का लचीलापन होता है, जिससे वे अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार बचत कर सकते हैं।
सरकार समय-समय पर योजना की ब्याज दर में बदलाव करती है, जिससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलता है। इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें मिलने वाला ब्याज चक्रवृद्धि होता है, जो लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देता है। यह योजना न केवल एक सुरक्षित निवेश विकल्प है बल्कि बेटियों के भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत करने का भी एक प्रभावी तरीका है।
खाता खोलने की पात्रता और प्रक्रिया
Sukanya Samriddhi Yojana के तहत माता-पिता या कानूनी अभिभावक अपनी बेटी के नाम से खाता खोल सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करना है, जिससे उनकी शिक्षा और विवाह के लिए धन एकत्र किया जा सके। खाता खोलने के लिए कुछ पात्रता शर्तें पूरी करनी आवश्यक हैं।
पात्रता शर्तें
खाता केवल बालिका के नाम से ही खोला जा सकता है।
बालिका की आयु 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
प्रत्येक परिवार केवल दो बेटियों के लिए यह खाता खोल सकता है (विशेष परिस्थितियों में तीसरी बेटी के लिए भी अनुमति हो सकती है)।
आवश्यक दस्तावेज़
बालिका का जन्म प्रमाण पत्र
माता-पिता या अभिभावक का आधार कार्ड, पैन कार्ड और निवास प्रमाण पत्र
पासपोर्ट साइज फोटो
Economic Times के अनुसार, खाता खोलने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे कोई भी अभिभावक आसानी से इसमें निवेश कर सकता है। इस योजना के तहत खाता किसी भी अधिकृत बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है।
खाता खोलने की प्रक्रिया
खाता खोलने के लिए माता-पिता या अभिभावक को एक आवेदन पत्र भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा।
खाता खोलने के लिए न्यूनतम ₹250 की राशि जमा करनी अनिवार्य है।
एक बार खाता खुलने के बाद, निवेशकों को पासबुक जारी की जाती है, जिसमें सभी लेनदेन का पूरा विवरण दर्ज होता है।
इस योजना के नियमों को ध्यान में रखते हुए, यह माता-पिता के लिए एक सुरक्षित और दीर्घकालिक निवेश का विकल्प है, जिससे वे अपनी बेटी के भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकते हैं।
जमा राशि और ब्याज दर

इस योजना में न्यूनतम और अधिकतम जमा राशि निर्धारित की गई है ताकि सभी वर्गों के लोग इसमें निवेश कर सकें।
जमा की जाने वाली राशि
न्यूनतम राशि ₹250 प्रति वर्ष है।
अधिकतम ₹1.5 लाख प्रति वित्तीय वर्ष जमा किया जा सकता है।
खाता खोलने के बाद प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी राशि का योगदान किया जा सकता है।
ब्याज दर और गणना
सरकार प्रत्येक तिमाही ब्याज दर की समीक्षा करती है।
जनवरी से मार्च 2025 तिमाही के लिए ब्याज दर 8.2% है।
ब्याज सालाना चक्रवृद्धि दर से जोड़ा जाता है, जिससे दीर्घकालिक लाभ अधिक मिलता है।
ब्याज की गणना का तरीका
ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है, लेकिन क्रेडिट सालाना होता है।
यदि निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि जमा करता है, तो उसे चक्रवृद्धि ब्याज का अधिक लाभ मिलेगा।
परिपक्वता अवधि और निकासी नियम
Sukanya Samriddhi Yojana की परिपक्वता अवधि और निकासी नियम इसे एक आकर्षक और लचीला निवेश विकल्प बनाते हैं। यह योजना न केवल बेटियों की शिक्षा और शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है बल्कि माता-पिता को अनुशासित बचत करने में भी मदद करती है।
परिपक्वता अवधि
खाता खोलने की तिथि से 21 वर्ष के बाद यह योजना परिपक्व होती है।
खाता परिपक्व होने के बाद संपूर्ण राशि (मूलधन + ब्याज) खाताधारक को दी जाती है।
यदि बेटी की शादी 18 वर्ष की उम्र के बाद होती है, तो परिपक्वता से पहले भी खाता बंद किया जा सकता है, बशर्ते विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए।
आंशिक निकासी नियम
बालिका के 18 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए आंशिक निकासी की जा सकती है।
निकासी केवल जमा राशि का 50% तक ही हो सकती है।
निकासी के लिए यह प्रमाण देना होगा कि राशि उच्च शिक्षा के लिए ही उपयोग की जा रही है।
समय से पहले खाता बंद करने की स्थिति
गंभीर बीमारी या असाधारण परिस्थितियों में सरकार की अनुमति से खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है।
माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु की स्थिति में भी खाता बंद करने की अनुमति दी जाती है।
यह नियम योजना को अधिक लचीला बनाते हैं और जरूरत पड़ने पर धन तक पहुंचने की सुविधा देते हैं।
कर लाभ
Sukanya Samriddhi Yojana न केवल उच्च ब्याज दर प्रदान करती है, बल्कि यह कर लाभ के दृष्टिकोण से भी एक आकर्षक विकल्प है।
धारा 80C के तहत कर छूट
इस योजना में जमा की गई राशि पर धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कर छूट उपलब्ध है।
इससे करदाताओं को वार्षिक कर बचत में मदद मिलती है।
ब्याज और निकासी पर कर छूट
योजना में मिलने वाले ब्याज पर कोई कर देय नहीं है।
परिपक्वता पर मिलने वाली पूरी राशि भी कर मुक्त होती है।
इस प्रकार, यह योजना ‘ट्रिपल एग्ज़ेम्प्ट’ श्रेणी में आती है, जहाँ निवेश, ब्याज और निकासी तीनों कर मुक्त हैं।
अन्य कर लाभ
यह योजना अन्य पारंपरिक बचत योजनाओं (जैसे एफडी या पीपीएफ) की तुलना में बेहतर कर लाभ प्रदान करती है।
माता-पिता के लिए यह एक आदर्श निवेश विकल्प है, खासकर यदि वे अपनी कर देनदारी को कम करना चाहते हैं।
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह टैक्स-फ्री रिटर्न देती है, जिससे निवेशकों को अधिकतम लाभ मिलता है।
हालिया अपडेट और बदलाव
Sukanya Samriddhi Yojana समय-समय पर संशोधित की जाती है ताकि इसे और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। हाल ही में इसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जो निवेशकों को प्रभावित कर सकते हैं।
ब्याज दरों में बदलाव
सरकार प्रत्येक तिमाही ब्याज दर की समीक्षा करती है।
जनवरी-मार्च 2025 के लिए ब्याज दर 8.2% तय की गई है, जो पिछली तिमाही के समान है।
न्यूनतम जमा राशि में बदलाव
पहले न्यूनतम जमा राशि ₹1,000 थी, जिसे घटाकर ₹250 कर दिया गया है।
इससे कम आय वाले परिवारों को योजना का लाभ लेने में आसानी होगी।
डिजिटल भुगतान की सुविधा
अब खाते में Online Fund Transfer किया जा सकता है।
इससे माता-पिता आसानी से डिजिटल माध्यम से योगदान कर सकते हैं।
सरकार डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। इसी दिशा में, PM VIKAS योजना भी एक महत्वपूर्ण पहल है, जो छोटे उद्यमियों और कारीगरों को वित्तीय सहायता और कौशल विकास का अवसर प्रदान करती है। डिजिटल माध्यमों से जुड़ने से योजनाओं का लाभ उठाना अब पहले से अधिक आसान हो गया है।
समय से पहले निकासी के नियमों में बदलाव
उच्च शिक्षा के लिए निकासी नियमों को और स्पष्ट किया गया है, जिससे शिक्षा के लिए धन का उपयोग सही दिशा में हो सके।
सरकार द्वारा किए गए ये बदलाव Sukanya Samriddhi Yojana को और अधिक आकर्षक बनाते हैं, जिससे निवेशकों को अधिकतम लाभ मिलता है।