April 1, 2025

PIB का खुलासा! 104 ‘Blood on Call’ स्कीम का दावा फर्जी, जानें पूरी सच्चाई

हाल ही में सोशल मीडिया पर यह दावा तेजी से वायरल हुआ कि भारत सरकार ने रक्तदान और रक्त आपूर्ति से जुड़ी सेवाओं को सुचारू करने के लिए ‘104 Blood on Call’ हेल्पलाइन लॉन्च की है। इस दावे के अनुसार, कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति इस हेल्पलाइन पर कॉल करके रक्त मंगा सकता है।

ऐसे संदेशों के साथ एक हेल्पलाइन नंबर का प्रचार किया जा रहा था, जिससे कई लोग यह मानने लगे कि यह एक सरकारी पहल है। हालांकि, प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने इस दावे को गलत बताया और स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई राष्ट्रीय स्तर की हेल्पलाइन शुरू नहीं की गई है।

इस लेख में हम इस वायरल दावे की सच्चाई को समझने की कोशिश करेंगे, साथ ही यह भी देखेंगे कि वास्तव में ‘104’ हेल्पलाइन का क्या उपयोग होता है और रक्तदान से जुड़ी कौन-कौन सी वास्तविक सेवाएं उपलब्ध हैं।

दावे की उत्पत्ति और प्रसार

सोशल मीडिया पर अक्सर स्वास्थ्य और जनसेवा से जुड़ी कई खबरें वायरल होती रहती हैं, जिनमें से कुछ सही होती हैं और कुछ भ्रामक। ‘104 Blood on Call’ हेल्पलाइन से जुड़ा दावा पहली बार व्हाट्सएप फॉरवर्ड और फेसबुक पोस्ट्स के जरिए सामने आया। इसमें लिखा था कि भारत सरकार ने रक्तदान के लिए एक हेल्पलाइन जारी की है, जहां जरूरतमंद लोग फोन करके रक्त प्राप्त कर सकते हैं।

यह संदेश कई सोशल मीडिया यूजर्स, ग्रुप्स और पेजों द्वारा साझा किया गया। कुछ लोगों ने इसे ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर भी पोस्ट किया, जिससे यह तेजी से फैला। इस दावे को कई लोगों ने बिना सत्यापन किए साझा किया, जिससे भ्रम की स्थिति बनी रही।

कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि जब किसी सरकारी सेवा से जुड़ी कोई नई जानकारी सामने आती है, तो लोग बिना जांचे-परखे उसे आगे बढ़ा देते हैं। इसी तरह, इस दावे में भी ‘104’ नंबर के कारण लोगों को लगा कि यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कोई नई हेल्पलाइन सेवा है। हालांकि, सच्चाई कुछ और थी।

PIB का स्पष्टीकरण

जब यह दावा इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगा, तब प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेक विंग ने इस पर संज्ञान लिया। PIB ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट जारी करते हुए स्पष्ट किया कि ‘104 Blood on Call’ नाम से कोई पैन-इंडिया हेल्पलाइन मौजूद नहीं है और भारत सरकार ने ऐसी कोई सेवा शुरू नहीं की है।

PIB ने यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह दावा पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बिना सत्यापन किए किसी भी जानकारी को साझा न करें।

PIB की इस पोस्ट ने स्पष्ट कर दिया कि ‘104’ नंबर का उपयोग कई राज्यों में अलग-अलग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया जाता है, लेकिन इसका कोई सीधा संबंध रक्तदान से नहीं है। उदाहरण के लिए, कुछ राज्यों में यह हेल्पलाइन टेलीमेडिसिन और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जैसी सेवाओं के लिए उपलब्ध है।

इस मामले से यह भी साफ हुआ कि सोशल मीडिया पर आने वाली किसी भी जानकारी को बिना जांचे-परखे आगे बढ़ाना गलत हो सकता है। ऐसे मामलों में आधिकारिक स्रोतों की जांच करना बेहद जरूरी है, ताकि गलत सूचना फैलने से रोकी जा सके।

राज्य-विशिष्ट ‘Blood on Call’ सेवाएँ

104 Blood on Call
104 Blood on Call

भारत सरकार द्वारा ‘104 Blood on Call’ हेल्पलाइन जारी करने का दावा भले ही गलत निकला हो, लेकिन कुछ राज्य सरकारों ने इससे मिलती-जुलती सेवाएँ पहले शुरू की थीं। विशेष रूप से महाराष्ट्र सरकार ने 2014 में ‘Blood on Call’ नामक एक योजना लागू की थी, जिसे ‘Jeevan Amrut Yojana’ भी कहा गया। इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को उनके स्थान पर रक्त उपलब्ध कराने के लिए 104 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया था।

महाराष्ट्र में यह सेवा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत चलाई गई थी और इसका उद्देश्य रक्तदान से जुड़ी समस्याओं को हल करना था। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए मरीज या उनके परिजन 104 नंबर पर कॉल कर सकते थे और उन्हें नजदीकी ब्लड बैंक से रक्त उपलब्ध कराया जाता था।

हालांकि, यह सेवा महाराष्ट्र तक ही सीमित थी और इसे पूरे भारत में लागू नहीं किया गया। इसके बावजूद, कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में इसे पैन-इंडिया हेल्पलाइन बताकर साझा किया जाने लगा। यही कारण है कि कई लोग भ्रमित हो गए और मान लिया कि केंद्र सरकार ने यह हेल्पलाइन जारी की है।

महाराष्ट्र के अलावा, कुछ अन्य राज्यों में भी 104 हेल्पलाइन का उपयोग किया जाता है, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य परामर्श, टेलीमेडिसिन और आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान करना होता है। रक्तदान और रक्त आपूर्ति से संबंधित कोई पैन-इंडिया हेल्पलाइन मौजूद नहीं है।

‘104’ हेल्पलाइन नंबर का विविध उपयोग

‘104’ हेल्पलाइन नंबर केवल रक्तदान से संबंधित सेवा तक सीमित नहीं है। यह भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। कई राज्यों में इस नंबर का इस्तेमाल स्वास्थ्य परामर्श, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और अन्य चिकित्सा सेवाओं के लिए किया जाता है।

विभिन्न राज्यों में 104 हेल्पलाइन का उपयोग:

  • तेलंगाना और आंध्र प्रदेश: यहाँ 104 हेल्पलाइन का उपयोग टेलीमेडिसिन सेवाओं के लिए किया जाता है, जहाँ लोग डॉक्टरों से मुफ्त में परामर्श ले सकते हैं।

  • उत्तर प्रदेश: इस राज्य में 104 हेल्पलाइन को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सरकारी चिकित्सा योजनाओं से जुड़ी सहायता प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

  • तमिलनाडु: यहाँ यह हेल्पलाइन मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और अन्य चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए चलाई जाती है।

इससे साफ होता है कि ‘104’ हेल्पलाइन वास्तव में एक बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य सेवा नंबर है, जिसका उपयोग विभिन्न राज्यों में उनकी जरूरतों के अनुसार किया जाता है। लेकिन यह किसी भी रूप में रक्तदान से संबंधित राष्ट्रीय सेवा नहीं है।

अगर किसी को रक्तदान की जरूरत होती है, तो उसे ब्लड बैंक या अस्पताल से संपर्क करना चाहिए। साथ ही, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी और अन्य स्वैच्छिक रक्तदान संगठनों की सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है।

फर्जी सूचनाओं का प्रभाव और सावधानियाँ

सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए गलत सूचनाओं का प्रसार एक गंभीर समस्या बन चुका है। ‘104 Blood on Call’ हेल्पलाइन से जुड़ा दावा भी इसी प्रकार की गलत सूचनाओं का एक उदाहरण है। जब कोई व्यक्ति इस तरह के दावे को सच मानकर आगे बढ़ाता है, तो यह अन्य लोगों को भी भ्रमित कर सकता है।

इंटरनेट पर धोखाधड़ी और स्कैम्स से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। जैसे कि मोबाइल टावर घोटाले से कैसे बचें, वैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले किसी भी दावे की सच्चाई को पहले परखना चाहिए।

गलत जानकारी का प्रभाव कई स्तरों पर हो सकता है:

  1. आम जनता में भ्रम: लोग ऐसी भ्रामक सूचनाओं को सच मानकर आवश्यक कदम उठा सकते हैं, जिससे उन्हें असल में जरूरत के समय सही मदद नहीं मिल पाती।

  2. सरकारी सिस्टम पर दबाव: जब किसी हेल्पलाइन नंबर को गलत तरीके से प्रचारित किया जाता है, तो बड़ी संख्या में लोग उस पर कॉल करने लगते हैं, जिससे वास्तविक जरूरतमंदों को सही सहायता नहीं मिल पाती।

  3. भ्रामक सूचनाओं का तेजी से प्रसार: एक बार जब कोई गलत सूचना सोशल मीडिया पर आ जाती है, तो वह तेजी से फैलती है और सच की तुलना में ज्यादा लोगों तक पहुँचती है।

डिजिटल माध्यमों पर वित्तीय धोखाधड़ी भी तेजी से बढ़ रही है। PAN कार्ड से जुड़े घोटाले और सावधानियाँ को समझना जरूरी है ताकि लोग ठगी का शिकार होने से बच सकें।

इस तरह की गलत सूचनाओं से बचने के लिए कुछ ज़रूरी सावधानियाँ बरतनी चाहिए:

  • सरकारी स्रोतों की जाँच करें: किसी भी खबर या जानकारी को आगे साझा करने से पहले PIB, सरकारी वेबसाइट्स या विश्वसनीय समाचार पोर्टलों से पुष्टि करें।

  • सोशल मीडिया पर सतर्क रहें: अगर किसी पोस्ट में ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ या ‘जरूरी सूचना’ जैसे शब्दों का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल हो रहा हो, तो उस पर संदेह करें।

  • फैक्ट-चेकिंग सेवाओं का उपयोग करें: विभिन्न फैक्ट-चेकिंग वेबसाइटों की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि कोई खबर सही है या नहीं।

गलत सूचना के प्रसार को रोकने की ज़िम्मेदारी हम सभी की है। इसलिए, बिना पुष्टि किए किसी भी खबर को आगे न बढ़ाएं और जागरूकता फैलाने में मदद करें।

वर्तमान में रक्त प्राप्त करने के वैकल्पिक स्रोत

अगर किसी व्यक्ति को रक्त की जरूरत होती है, तो उसे सही स्रोत से संपर्क करना जरूरी है। भारत में कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठन रक्तदान और रक्त आपूर्ति सेवाएँ प्रदान करते हैं।

1. ब्लड बैंक और अस्पताल:

  • प्रत्येक राज्य और बड़े शहरों में कई मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक मौजूद हैं, जहाँ से जरूरतमंद व्यक्ति रक्त प्राप्त कर सकते हैं।

  • अस्पतालों में भी रक्तदान केंद्र होते हैं, जो मरीजों को आपातकालीन स्थिति में रक्त उपलब्ध कराते हैं।

2. इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी:

  • यह एक विश्वसनीय संगठन है, जो पूरे देश में रक्तदान अभियान चलाता है और जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराता है।

  • रेड क्रॉस की आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन से संपर्क करके निकटतम ब्लड बैंक की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

3. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और ऐप्स:

  • कई डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे e-RaktKosh और BloodConnect जरूरतमंद लोगों को रक्तदाता से जोड़ने का काम करते हैं।

  • ये प्लेटफॉर्म रक्तदान को आसान बनाते हैं और ब्लड ग्रुप के अनुसार सही डोनर ढूँढने में मदद करते हैं।

रक्तदान को बढ़ावा देना और सही समय पर सही स्रोत से रक्त प्राप्त करना बहुत जरूरी है। इसलिए, अफवाहों से बचें और केवल विश्वसनीय स्रोतों पर ही भरोसा करें।

निष्कर्ष

‘104 Blood on Call’ हेल्पलाइन को लेकर फैली भ्रांतियों से यह स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली हर जानकारी सच नहीं होती। यह दावा कि भारत सरकार ने रक्तदान के लिए पैन-इंडिया हेल्पलाइन शुरू की है, पूरी तरह गलत साबित हुआ। PIB ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ‘104’ हेल्पलाइन का इस्तेमाल विभिन्न राज्यों में अलग-अलग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया जाता है, लेकिन यह कोई राष्ट्रीय रक्तदान सेवा नहीं है।

गलत सूचनाओं के कारण लोगों में भ्रम फैलता है और जरूरतमंदों को सही समय पर मदद नहीं मिल पाती। इसलिए, किसी भी खबर को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जाँच करना जरूरी है।

यदि आपको रक्तदान या रक्त प्राप्त करने की जरूरत हो, तो मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी और अन्य विश्वसनीय स्रोतों से संपर्क करें। जागरूक रहें, गलत सूचना को फैलने से रोकें और दूसरों को भी सही जानकारी साझा करने के लिए प्रेरित करें।

Tarun Choudhry

Tarun Choudhry is a seasoned writer with over 5 years of experience in delivering fact-based and thoroughly researched content. At Sevakendra, Tarun specializes in covering government job updates, educational news, and the latest government announcements, ensuring readers have access to accurate and reliable information. With a strong passion for research, Tarun excels at analyzing policies, announcements, and viral stories that shape public discourse. His coverage of trending and offbeat news helps readers stay connected with what’s buzzing around the nation. His commitment to providing well-structured and credible content makes him a trusted voice for those seeking dependable updates. When not writing, Tarun remains deeply involved in exploring government initiatives and emerging social trends, always striving to empower readers with the knowledge they need.

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