April 1, 2025

Dhan-Dhanya Krishi Yojana 2025: 1.7 करोड़ किसानों के लिए सरकार की बड़ी सौगात!

भारत में कृषि केवल एक पेशा नहीं, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका का आधार है। बदलते समय के साथ, सरकार ने कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं। “Dhan-Dhanya Krishi Yojana” इन्हीं योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य देश के उन 100 पिछड़े कृषि जिलों का विकास करना है, जहाँ अब तक कृषि उत्पादकता कम रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की घोषणा वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में की थी। उन्होंने इस योजना को किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने, आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने और ग्रामीण विकास को गति देने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

वर्तमान में, भारत की कृषि उत्पादन क्षमता रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच चुकी है। देश में खाद्यान्न उत्पादन 330 मिलियन टन से अधिक हो गया है, जबकि बागवानी उत्पादन 350 मिलियन टन तक पहुँच चुका है। इन उपलब्धियों को देखते हुए सरकार अब उन इलाकों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहाँ कृषि अभी भी पिछड़ी हुई है।

इस योजना के तहत, सरकार न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर दे रही है, बल्कि खेती से जुड़े बुनियादी ढाँचे, खाद, सिंचाई सुविधाएँ और कृषि उत्पादों की मार्केटिंग को भी बेहतर बनाने की योजना बना रही है।

धन-धान्य कृषि योजना क्या है?

“Dhan-Dhanya Krishi Yojana” का उद्देश्य भारत के 100 सबसे कम उत्पादक जिलों को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना बीज से बाजार तक की पूरी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए बनाई गई है।

इस योजना के अंतर्गत सरकार निम्नलिखित सुधारों पर कार्य कर रही है:

  • उन्नत बीज एवं तकनीक: किसानों को हाई-यील्डिंग वैरायटी (HYV) के बीज, जैविक खाद और आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • सिंचाई सुविधा का विस्तार: जल संकट से जूझ रहे जिलों में ड्रिप इरिगेशन और माइक्रो-स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक प्रणालियों को अपनाया जाएगा।
  • कृषि प्रसंस्करण इकाइयाँ: कृषि उत्पादों के सही मूल्यांकन और विपणन के लिए फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • मिट्टी की गुणवत्ता सुधार: किसानों को मिट्टी परीक्षण की सुविधा दी जाएगी, जिससे वे सही उर्वरकों का उपयोग कर सकें।
  • फसल बीमा एवं आर्थिक सहायता: किसानों को सरकारी अनुदान के साथ-साथ सस्ती दरों पर कृषि ऋण भी मिलेगा।

यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इसका लक्ष्य पारंपरिक कृषि से हटकर नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है।

योजना का मुख्य उद्देश्य

इस योजना के मुख्य उद्देश्य कुछ इस प्रकार हैं:

  • 100 पिछड़े जिलों की उत्पादकता बढ़ाना: यह योजना उन जिलों में कृषि सुधार लाने का प्रयास करेगी, जहाँ अब तक कम पैदावार होती रही है।
  • किसानों की आमदनी में वृद्धि: सरकार की योजना है कि इस परियोजना से जुड़े किसानों की आमदनी में अगले 5 वर्षों में दोगुना इजाफा हो।
  • नवाचार और तकनीक को बढ़ावा: सरकार नई तकनीकों, जैविक खेती और कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देगी ताकि खेती को अधिक लाभदायक बनाया जा सके।
  • कृषि क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी: नई योजनाओं के तहत युवाओं को आधुनिक खेती, एग्री-स्टार्टअप्स और एग्री-बिजनेस से जोड़ा जाएगा।

“कृषि क्षेत्र के अलावा, केंद्र सरकार कई अन्य योजनाओं के माध्यम से छोटे उद्यमियों, कारीगरों और स्वरोजगार को भी बढ़ावा दे रही है। PM Vikas Yojana इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में मदद करती है।

  • मिट्टी, जल और उर्वरकों का संतुलित उपयोग: फसल उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा।

योजना का लाभ किन किसानों को मिलेगा?

यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए फायदेमंद होगी जो अब तक सरकार की अन्य कृषि योजनाओं का पूरा लाभ नहीं उठा सके हैं। इसमें छोटे, सीमांत और पिछड़े जिलों के किसान प्राथमिकता में रहेंगे।

पात्रता मानदंड

  • भारत का कोई भी किसान इस योजना का लाभ ले सकता है, लेकिन प्राथमिकता उन किसानों को मिलेगी जो 100 चिन्हित जिलों में आते हैं।
  • छोटे और मध्यम किसान जिनके पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है, उन्हें विशेष रूप से इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा।
  • जिन किसानों को सिंचाई, उर्वरक और बीज की समस्या है, उन्हें सरकार द्वारा तकनीकी और आर्थिक सहायता दी जाएगी।

कैसे मिलेगा लाभ:

  • किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार द्वारा फ्री टेस्टिंग और अनुदान मिलेगा।
  • सरकारी अनुदान के तहत किसानों को सस्ती दरों पर कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • फसल बीमा और आसान कृषि ऋण की सुविधा दी जाएगी।
  • मंडियों और बाजार तक पहुँच बढ़ाने के लिए ई-नाम जैसी डिजिटल सुविधाओं से जोड़ा जाएगा।

सरकार इस योजना के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पिछड़े जिलों के किसानों को भी वैसी ही सहूलियतें मिलें जैसी विकसित जिलों के किसानों को मिलती हैं।

सरकार की रणनीति और क्रियान्वयन प्रक्रिया

इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। कृषि मंत्रालय, राज्य सरकारें और पंचायत स्तर के अधिकारी मिलकर इस योजना के क्रियान्वयन पर काम करेंगे।

महत्वपूर्ण रणनीतियाँ

  1. तकनीकी सहायता: कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मदद से किसानों को उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी दी जाएगी।
  2. सिंचाई सुधार: सरकार उन जिलों में माइक्रो-स्प्रिंकलर और ड्रिप इरिगेशन जैसी आधुनिक सिंचाई तकनीकें लागू करेगी, जहाँ जल की कमी है।
  3. मिट्टी परीक्षण और उर्वरक संतुलन: प्रत्येक जिले में किसानों के लिए नि:शुल्क मिट्टी परीक्षण सुविधा दी जाएगी ताकि वे सही उर्वरकों का उपयोग कर सकें।
  4. डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग: किसानों को डिजिटल माध्यमों से जोड़ने के लिए मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए जाएंगे।

सरकार इस योजना को तेजी से लागू करने पर ज़ोर दे रही है। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ट्वीट कर कहा:

“Dhan-Dhanya Krishi Yojana को जल्द से जल्द लागू करना हमारी प्राथमिकता है। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

सरकार चाहती है कि योजना का लाभ जल्द से जल्द किसानों तक पहुँचे। इसके लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो योजना की प्रगति पर नज़र रखेगा।

इस योजना से जुड़े लाभ और संभावनाएँ

धन-धान्य कृषि योजना किसानों के लिए कई लाभ लेकर आई है। यह योजना न केवल उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें नए अवसर भी प्रदान करेगी।

प्रमुख लाभ

  • किसानों को सस्ती दरों पर बीज, उर्वरक और कृषि यंत्र मिलेंगे।
  • जल संरक्षण और मृदा सुधार के लिए विशेष योजनाएँ चलाई जाएँगी।
  • ई-नाम जैसी ऑनलाइन सुविधाओं से किसानों को सीधा बाजार से जोड़ने की पहल होगी।
  • जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की लागत कम होगी।
  • नए स्टार्टअप और कृषि आधारित उद्यमों को सहयोग मिलेगा।

संभावनाएँ और भविष्य की दृष्टि

  • कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उत्पादन लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा।
  • छोटे किसानों के लिए सामूहिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे वे संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकें।
  • मत्स्य पालन, पशुपालन और अन्य कृषि आधारित उद्योगों को इस योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे किसानों की आमदनी के अन्य स्रोत भी विकसित होंगे।

सरकार इस योजना को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए कई बदलाव कर रही है। यदि सही ढंग से लागू किया जाए, तो यह योजना आने वाले वर्षों में भारतीय कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकती है।

चुनौतियाँ और समाधान

धन-धान्य कृषि योजना को लागू करने में कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं, जिनका समाधान निकालना आवश्यक होगा।

मुख्य चुनौतियाँ:

  1. कमजोर बुनियादी ढाँचा: कई पिछड़े जिलों में सिंचाई सुविधाएँ, सड़कें और बाजारों तक पहुँच सीमित है, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता।
  2. तकनीकी ज्ञान की कमी: छोटे और सीमांत किसानों के पास आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी कम होती है, जिससे वे पारंपरिक खेती पर निर्भर रहते हैं।
  3. योजना का सही क्रियान्वयन: नीतियों के सही कार्यान्वयन में देरी होने की संभावना रहती है, जिससे किसानों तक लाभ पहुँचने में समस्या हो सकती है।
  4. फसल विविधीकरण में रुचि की कमी: किसान पारंपरिक फसलों पर अधिक निर्भर रहते हैं और नई फसलों की ओर जाने में हिचकिचाते हैं।
  5. बिचौलियों की भूमिका: मंडियों में बिचौलियों के हावी होने से किसानों को उनकी उपज का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।

योजना के तहत कृषि शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि किसान वैज्ञानिक तरीकों से खेती कर सकें। इसी तरह, उच्च शिक्षा के लिए PM Vidya Lakshmi Yojana भी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे वे अपनी शिक्षा जारी रख सकें।

संभावित समाधान:

  • पिछड़े जिलों में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाए और फसल भंडारण के लिए वेयरहाउस बनाए जाएँ।
  • कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए जाएँ।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और ई-नाम जैसी ऑनलाइन मंडियों को अधिक किसानों तक पहुँचाया जाए।
  • सरकार की निगरानी में किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने की पहल की जाए।
  • जैविक और विविधीकृत खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को अतिरिक्त सब्सिडी और प्रोत्साहन दिया जाए।

अगर सरकार इन चुनौतियों का समाधान निकालने में सफल रहती है, तो यह योजना भारतीय कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव ला सकती है।

निष्कर्ष

धन-धान्य कृषि योजना उन किसानों के लिए एक नई आशा लेकर आई है, जो अब तक सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं उठा सके थे। यह योजना पिछड़े जिलों की कृषि उत्पादकता बढ़ाने, किसानों की आय दोगुनी करने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर केंद्रित है।

सरकार ने इस योजना को सफल बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किसानों और प्रशासन, दोनों का सहयोग आवश्यक होगा।

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Radha Kuruvilla

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