भारत में आंगनवाड़ी केंद्र लंबे समय से पोषण, प्रारंभिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम रहे हैं। खासकर ग्रामीण और शहरी गरीब इलाकों में, ये केंद्र बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण स्तर को सुधारने के लिए आवश्यक भूमिका निभाते हैं।
हालांकि, समय के साथ इनमें कई चुनौतियां सामने आई हैं, जैसे बुनियादी ढांचे की कमी, पोषण स्तर में असमानता और डिजिटल सुविधाओं का अभाव। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने Saksham Anganwadi योजना की शुरुआत की।
इस योजना का उद्देश्य आंगनवाड़ी केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना और पोषण एवं शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है। इससे जुड़े विभिन्न बदलावों और प्रभावों को विस्तार से समझने के लिए आगे बढ़ते हैं।
Saksham Anganwadi योजना क्या है?
Saksham Anganwadi योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2021-22 के दौरान की गई थी। इसे महिला और बाल विकास मंत्रालय के तहत लागू किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर में आंगनवाड़ी केंद्रों को उन्नत सुविधाओं से लैस करना और पोषण 2.0 नामक पहल के तहत बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।
योजना के मुख्य लक्ष्य:
- आंगनवाड़ी केंद्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास
- पोषण सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार
- डिजिटल निगरानी प्रणाली को बढ़ावा देना
- महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाओं में सुधार
The Hindu के अनुसार, इस योजना के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की पहल की जा रही है। इसमें स्मार्ट उपकरणों और ऐप-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, ताकि सेवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सके.
योजना के तहत आने वाले प्रमुख बदलाव
1. बुनियादी ढांचे में सुधार
पहले आंगनवाड़ी केंद्रों में सुविधाओं की कमी एक बड़ी समस्या थी। इस योजना के तहत:
- केंद्रों को सुरक्षित और स्वच्छ भवनों में बदला जाएगा।
- शुद्ध पेयजल और स्वच्छ शौचालयों की व्यवस्था की जाएगी।
- खेल और शिक्षा सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
2. पोषण 2.0 की शुरुआत
पोषण 2.0 का लक्ष्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को उच्च गुणवत्ता वाला आहार प्रदान करना है। इसके तहत:
- स्थानीय खाद्य पदार्थों पर जोर दिया जाएगा।
- माइक्रोन्यूट्रिएंट युक्त आहार का वितरण होगा।
- बच्चों में कुपोषण के स्तर की निगरानी की जाएगी।
3. डिजिटल तकनीक का उपयोग
योजना के तहत डिजिटल माध्यमों का अधिक उपयोग किया जाएगा, जैसे:
- मोबाइल ऐप आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम, जिससे वास्तविक समय में डाटा उपलब्ध होगा।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ट्रैकिंग सिस्टम, जिससे लाभार्थियों की स्थिति का विश्लेषण किया जा सकेगा।
Saksham Anganwadi योजना लाभ किन्हें मिलेगा?
Saksham Anganwadi योजना मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, 6 साल तक के बच्चों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बनाई गई है। इस योजना का असर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में देखने को मिलेगा।
1. बच्चों को होने वाले लाभ
- बेहतर पोषण: पहले से अधिक संतुलित और पौष्टिक आहार मिलेगा।
- स्वास्थ्य सेवाएँ: नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण की सुविधा।
- शिक्षा में सुधार: खेल-कूद आधारित लर्निंग मॉडल लागू किया जाएगा।
2. महिलाओं के लिए फायदे
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण समर्थन।
- आंगनवाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम।
- महिलाओं को डिजिटल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर।
सरकार पहले भी महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवनस्तर सुधारने के लिए योजनाएँ लागू कर चुकी है, जैसे कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, जिसने ग्रामीण महिलाओं को धुएं रहित रसोई उपलब्ध कराई।
3. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए लाभ
- सुविधाजनक कार्यस्थल: पहले से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और उपकरण।
- डिजिटल उपकरण: मोबाइल ऐप और स्मार्ट मॉनिटरिंग टूल्स से काम आसान होगा।
- सरकारी समर्थन: वेतन और अन्य सुविधाओं में सुधार की संभावना।
योजना का क्रियान्वयन और सरकार की रणनीति

सरकार इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए तीन प्रमुख स्तंभों पर ध्यान दे रही है:
1. केंद्र और राज्य सरकारों की भागीदारी
- यह योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है, लेकिन राज्य सरकारों की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
- राज्यों को अपने-अपने क्षेत्र में योजना को लागू करने की स्वतंत्रता दी गई है, जिससे स्थानीय जरूरतों के हिसाब से इसमें बदलाव हो सके।
2. बजट और वित्तीय सहायता
- 2021-22 के बजट में सरकार ने इस योजना के लिए विशेष फंड आवंटित किया था।
- इसके तहत नए आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण, पोषण संबंधी सुधार, और डिजिटलीकरण पर खर्च किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में Saksham Anganwadi और पोषण 2.0 योजना के लिए ₹21,960 करोड़ आवंटित किए हैं। 2024-25 के संशोधित अनुमान (RE) में यह राशि ₹20,070.90 करोड़ थी, जबकि पिछले बजट में ₹21,200 करोड़ का प्रावधान था। इस योजना के तहत 8 करोड़ से अधिक बच्चों, 1 करोड़ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, और 20 लाख किशोरियों को पोषण सहायता दी जा रही है।
पोषण और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार की अन्य योजनाओं में धन-धान्य कृषि योजना भी शामिल है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा और किसानों की मदद के लिए शुरू की गई थी।
3. निगरानी और डिजिटल ट्रैकिंग
- आधुनिक डिजिटल टूल्स के जरिए योजना की निगरानी की जाएगी।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट डिवाइसेस दिए जाएंगे, जिससे वे डेटा को रियल-टाइम अपडेट कर सकें।
- माता-पिता को भी मोबाइल ऐप के जरिए बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी मिलेगी।
Saksham Anganwadi योजना के फायदे और चुनौतियां
इस योजना के लागू होने से देशभर में आंगनवाड़ी केंद्रों की गुणवत्ता में सुधार आएगा। हालांकि, इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी हो सकती हैं।
योजना के फायदे
- बेहतर पोषण: बच्चों और माताओं को संतुलित आहार मिलेगा।
- डिजिटल मॉनिटरिंग: योजनाओं के क्रियान्वयन पर सरकार की बेहतर पकड़ होगी।
- आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर: आंगनवाड़ी केंद्र पहले से अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनेंगे।
- महिलाओं को सशक्तिकरण: उन्हें रोजगार और डिजिटल ट्रेनिंग का लाभ मिलेगा।
योजना से जुड़ी चुनौतियाँ
- बजट और संसाधन की कमी: हर क्षेत्र में योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अतिरिक्त फंडिंग की जरूरत होगी।
- प्रशिक्षण की कमी: सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नई डिजिटल प्रणाली के लिए प्रशिक्षित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- जमीनी स्तर पर अमल: योजना का सही लाभ तब मिलेगा जब इसे गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
Saksham Anganwadi योजना का भविष्य और सरकार की योजनाएं
Saksham Anganwadi योजना को सरकार एक दीर्घकालिक सुधार प्रक्रिया के रूप में देख रही है, जिसमें आने वाले वर्षों में और भी बदलाव किए जा सकते हैं। कुछ संभावित कदम इस प्रकार हैं:
1. टेक्नोलॉजी का और अधिक समावेश
- सरकार भविष्य में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डेटा एनालिटिक्स का अधिक उपयोग कर सकती है, जिससे आंगनवाड़ी केंद्रों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाया जा सके।
- मोबाइल ऐप और डिजिटल हेल्थ कार्ड के जरिए लाभार्थियों का डेटा स्वचालित रूप से अपडेट होगा, जिससे सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता आएगी।
2. बजट और वित्त पोषण में वृद्धि
- यदि यह योजना सफल होती है, तो भविष्य में इसके लिए अधिक फंडिंग आवंटित की जा सकती है, जिससे इसे बड़े पैमाने पर लागू किया जा सके।
- सरकार नए आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण पर भी ध्यान दे सकती है, ताकि देशभर में सुविधाओं का समान वितरण हो।
3. निजी क्षेत्र और CSR की भागीदारी
- सरकार इस योजना में निजी कंपनियों और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंडिंग को शामिल कर सकती है, जिससे संसाधनों में वृद्धि हो और टेक्नोलॉजी अपग्रेड किया जा सके।
- विभिन्न स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी कंपनियों की भागीदारी से आंगनवाड़ी केंद्रों को स्मार्ट सुविधाओं से जोड़ा जा सकता है।
4. योजना का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार
- सरकार आने वाले समय में इस योजना को हर राज्य में अनिवार्य रूप से लागू कर सकती है, जिससे सभी बच्चों और महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।
- वर्तमान में यह योजना चरणबद्ध रूप से लागू की जा रही है, लेकिन आगे चलकर इसे पूरे देश में विस्तारित करने की योजना बनाई जा सकती है।
निष्कर्ष
Saksham Anganwadi योजना भारत के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा सुधार लाने की क्षमता रखती है। इस योजना के माध्यम से सरकार बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास, माताओं के स्वास्थ्य, और आंगनवाड़ी सेवाओं के डिजिटलीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है।
हालांकि, इसके सफल क्रियान्वयन के लिए बजट, प्रशासनिक दक्षता, और लाभार्थियों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। यदि इस योजना को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किया जाता है, तो यह देश के लाखों बच्चों और महिलाओं के जीवन को बेहतर बना सकती है।
इस योजना के बारे में आपकी क्या राय है? क्या यह योजना सही दिशा में एक बड़ा कदम है, या अभी इसमें और सुधार की जरूरत है? नीचे कमेंट करके अपने विचार जरूर साझा करें।